रायगढ़ में 99 हाथी, 21 किसानों की फसलों को पहुंचाया नुकसान, 50 हाथियों का दल पहुंचा पड़ोसी जिला…पढ़िये पूरी खबर
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। रायगढ़ जिले के जंगलों में इन दिनों 99 हाथियों का दल अलग-अलग रेंज के अलग-अलग बीट में विचरण कर रहा है। बीती रात जंगली हाथियों के इस दल ने 21 किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ और रायगढ़ वन मंडल के जंगलों में इन दिनों कुल 99 हाथी अलग-अलग रेंज में विचरण कर रहे हैं जिसमें धरमजयगढ़ वन मंडल में कुल 95 हाथी वहीं रायगढ़ वन मंडल में 4 हाथी शाामिल हैं। सबसे अधिक हाथी लैलूंगा रेंज के आमापाली बीट में मौजूद है यहां कुल 38 हाथी है, इसी तरह कापू रेंज के भोजपुर में 22, धरमजयगढ़ के सेमीपाली बीट में 20 के अलावा अलग-अलग रेंज में हाथियों का दल मौजूद है। हाथियों के इस दल में नर हाथी 26, मादा हाथी 50 के अलावा 23 शावक शामिल है। बताया जा रहा है कि छाल रेंज के हाटी बीट में विचरण कर रहे 50 हाथियों का दल नदी पार करके कोरबा वन मंडल की तरफ चला गया है।
वन विभाग के अनुसार जंगली हाथियों के दल ने बीती रात धरमजयगढ़ वन मंडल में 21 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। जिसमें कापू रेंज के पुसाउडेरा, डुमरनारा, बुरनुपानी, पुसाउडेरा में 12, लैलूंगा रेंज के धुमाबुडा में 04, धरमजयगढ़ रेंज के भवंरखोल में 03 के अलावा छाल रेंज के सिंघीझाप में 02 किसानों की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है।
लैलूंगा में कार हुआ क्षतिग्रस्त
बताया जा रहा है कि लैलूंगा रेंज में विचरण करने वाले जंगली हाथियों के दल में से एक हाथी ने लैलंूगा-घरघोड़ा मार्ग पर स्थित लारीपानी के पास एक कार को क्षतिग्रस्त कर दिया है। गनीबात की बात यह रही कि इस दौरान कार में सवार लोगों को किसी प्रकार की चोट नही आई है। हाथी के अचानक कार के सामने आ जाने से कार में सवार लोग दहशत में आ गए थे।
लैलूंगा रेंज में 38 हाथियों का दल
लैलूंगा रेंज में 38 हाथियों का बडा दल विचरण करने की वजह से वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरों की मदद से हाथियों के मूवमेंट पर नजर बनाये हुए है। साथ ही साथ हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों को सतर्क रहने और हाथियों से दूरी बनाये रखने की बात कही गई है। ताकि उनके क्षेत्र में किसी भी प्रकार की जनहानि की घटना घटित न हो।
फसल बचाने ग्रामीण दे रहे पहरा
हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीणों ने बताया कि खेतों में उनका धान पककर पूरी तैयार हो चुका है और कई जगह तो कटाई भी जारी है। गांव के किसान अपनी बेशकीमती फसलों को जंगली हाथियों से बचाने रोजाना खेतों में रतजगा करके पहरा देने पर विवश हैं। इस बीच हाथियों के खेतों तक पहुंचने के दौरान ग्रामीण हाथियों को भगाने में जुट जाते हैं। ऐसे में कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है।