रायगढ़ में 503 किलो गांजा नष्ट, मादक पदार्थों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 10 सितंबर 2025*: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में मादक पदार्थों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जिला स्तरीय औषधि निपटान समिति के तत्वावधान में 503.531 किलोग्राम गांजा और दो गांजा पौधों को नष्ट किया गया। यह कार्रवाई जामगांव स्थित एमएसपी स्टील एंड पावर लिमिटेड के भट्ठी (फर्नेस) में विधिवत रूप से जलाकर और रोलर के माध्यम से पूरी की गई। इस दौरान पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री आकाश मरकाम, सहायक आयुक्त आबकारी श्री क्रिस्तोफर खलखो, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
रायगढ़ जिले के विभिन्न थानों में दर्ज एनडीपीएस एक्ट के 25 प्रकरणों से जब्त इस मादक पदार्थ को नष्ट करने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और नियमानुसार संपन्न हुई। इस कार्य में चक्रधरनगर, जूटमिल, और छाल थानों के प्रभारी अधिकारियों के साथ-साथ एमएसपी स्टील एंड पावर प्लांट के अधिकारी, डीसीबी प्रभारी, और अन्य पुलिस कर्मी शामिल रहे। नष्ट किए गए गांजे की मात्रा न केवल इसकी गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि मादक पदार्थों के खिलाफ रायगढ़ पुलिस की कठोर नीति को भी रेखांकित करती है।
गांजे का दुष्प्रभाव: सामाजिक और स्वास्थ्य संकट
गांजा, जिसे कैनबिस के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसा मादक पदार्थ है जो न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी छिन्न-भिन्न करता है। इसका सेवन मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालता है, जिसमें स्मृति हानि, चिंता, अवसाद, और गंभीर मामलों में मनोविकृति (साइकोसिस) जैसी समस्याएं शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक गांजा का उपयोग मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है, खासकर युवाओं में, जिनके मस्तिष्क का विकास अभी पूर्ण नहीं हुआ होता।
इसके अलावा, गांजा नशे की लत को बढ़ावा देता है, जिससे व्यक्ति की कार्यक्षमता, सामाजिक रिश्ते, और आर्थिक स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। नशे की तलाश में लोग अक्सर अपराध की ओर प्रवृत्त होते हैं, जिससे समाज में असुरक्षा और अस्थिरता बढ़ती है। रायगढ़ जैसे क्षेत्रों में, जहां युवा आबादी अधिक है, मादक पदार्थों का प्रसार नई पीढ़ी के भविष्य के लिए खतरा बन सकता है।
पुलिस का अभियान: नशे के खिलाफ जंग
रायगढ़ पुलिस का यह कदम मादक पदार्थों के खिलाफ उनकी निरंतर लड़ाई का हिस्सा है। जब्त माल का नष्टीकरण न केवल कानूनी प्रक्रिया का पालन है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि नशे के कारोबार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल ने इस अवसर पर कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए जिले में सघन अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि समाज को नशे के जाल से मुक्त किया जा सके।
मादक पदार्थों के खिलाफ यह लड़ाई केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है। समाज के हर वर्ग को इसमें सहयोग देना होगा। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम, माता-पिता की सजगता, और सामुदायिक पहल इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं। रायगढ़ में आज की गई कार्रवाई एक सकारात्मक संदेश है, लेकिन यह तभी सार्थक होगी जब नशे की मांग और आपूर्ति दोनों को नियंत्रित किया जाए।
इस कार्रवाई के साथ रायगढ़ पुलिस ने एक बार फिर साबित किया है कि वे नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम हैं। यह समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि नशा न केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि पूरे समुदाय को खोखला कर देता है। समय है कि हम सब मिलकर इस जंग में साथ दें और एक स्वस्थ, नशामुक्त समाज का निर्माण करें।