रायगढ़ में सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ: एक और दर्दनाक हादसे ने झकझोरा, दो युवकों की मौत

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार रात को हुए एक ताजा हादसे ने एक बार फिर इलाके को झकझोर कर रख दिया। अमलीभौना बाईपास रोड पर एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने बाइक सवार तीन युवकों को कुचल दिया, जिसमें दो की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हुआ। यह तीनों युवक सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के निवासी थे और कोसमनारा स्थित बाबाधाम दर्शन के लिए निकले थे।
हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, जनक साहू (19), भरत यादव (20), और तोषन चौहान बाइक से अमलीभौना बाईपास रोड पर जा रहे थे। रविवार रात करीब 8 बजे के आसपास एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने सामने से आकर उनकी बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर इतनी भीषण थी कि जनक और भरत ट्रेलर के पिछले पहियों के नीचे आ गए। भरत यादव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि जनक साहू को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। तीसरे युवक, तोषन चौहान, को गंभीर चोटें आईं, लेकिन प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
हादसे के बाद ट्रेलर चालक वाहन को मौके पर छोड़कर फरार हो गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर जूटमिल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों व मृतकों को जिला अस्पताल पहुंचाया। थाना प्रभारी गिरधारी साव ने बताया कि ट्रेलर चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश जारी है।
रायगढ़ में सड़क हादसों का बढ़ता आंकड़ा
रायगढ़ जिले में सड़क हादसों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। हाल के महीनों में जिले में कई दर्दनाक हादसे सामने आए हैं, जिनमें भारी वाहनों की लापरवाही और तेज रफ्तार प्रमुख कारण रहे हैं। कुछ प्रमुख हादसों पर नजर डालें:
– **फरवरी 2025**: अंबेडकर चौक में गिट्टी लोड हाइवा ने स्कूटी सवार बोधराम पटेल (59) को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर मौत हो गई। हाइवा चालक ने लापरवाही से वाहन चलाया और नो-एंट्री क्षेत्र में प्रवेश किया।
– **अप्रैल 2024**: तराईमाल के पास ट्रेलर ने बाइक सवार नंदकिशोर राठिया और उनके नाना को टक्कर मार दी, जिसमें बुजुर्ग की मौके पर मौत हो गई और नंदकिशोर घायल हो गया।
– **फरवरी 2025**: एनएच 49 पर ट्रेलर ने बाइक सवार संजीव कुमार उरांव (32) को कुचल दिया, जिससे उनका सिर धड़ से अलग हो गया और मौके पर ही मौत हो गई।
पिछले कुछ महीनों में रायगढ़ जिले में सड़क हादसों में कम से कम 10-12 लोगों की जान जा चुकी है, और दर्जनों लोग घायल हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, जिले में प्रतिदिन औसतन एक सड़क हादसा हो रहा है, जिसमें भारी वाहनों की लापरवाही और तेज रफ्तार प्रमुख कारण हैं।
भारी वाहनों की लापरवाही: एक गंभीर समस्या
रायगढ़ में भारी वाहनों की लापरवाही और नियमों की अनदेखी सड़क हादसों का प्रमुख कारण बन रही है। स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच यह मुद्दा बार-बार उठ रहा है। गोवर्धनपुर पुलिया के खराब होने के कारण भारी वाहन रात के समय शहर की सड़कों से गुजर रहे हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ गया है। कलेक्टर के आदेश के बावजूद, भारी वाहनों पर नकेल कसने में पुलिस और यातायात विभाग नाकाम रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि बाईपास रोड पर स्पीड ब्रेकर की कमी और अनियंत्रित ट्रैफिक के कारण हादसे बढ़ रहे हैं। अमलीभौना बाईपास रोड जैसे क्षेत्रों में भारी वाहनों की आवाजाही पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं है। इसके अलावा, चालकों द्वारा नो-एंट्री जोन में प्रवेश और तेज रफ्तार से वाहन चलाना आम बात हो गई है।
स्थानीय लोगों की मांग
इस ताजा हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से निम्नलिखित मांगें की हैं:
1. **स्पीड कंट्रोल उपाय**: बाईपास रोड पर स्पीड ब्रेकर और ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था।
2. **नियमित पुलिस गश्त**: भारी वाहनों की जांच और नो-एंट्री नियमों का सख्ती से पालन।
3. **यातायात जागरूकता अभियान**: चालकों और आम जनता के लिए सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम।
4. **सख्त कार्रवाई**: लापरवाह ड्राइविंग करने वाले चालकों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई।
रायगढ़ जिले में सड़क हादसों का बढ़ता ग्राफ चिंता का विषय है। अमलीभौना बाईपास हादसा इस बात का ताजा उदाहरण है कि भारी वाहनों की लापरवाही और प्रशासनिक ढिलाई कितनी जानलेवा साबित हो रही है। यह जरूरी है कि प्रशासन और यातायात विभाग तत्काल प्रभावी कदम उठाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। स्थानीय लोगों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस नीतियां और उनकी सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है।