रायगढ़ में भड़का आस्था विवाद: नशे में धुत युवक ने संत गुरु घासीदास जी को दी गाली, वीडियो वायरल — सतनामी समाज का उबाल, FIR दर्ज

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से शुरू हुई जातीय और सामाजिक विवाद की चिंगारी अब रायगढ़ तक पहुँच चुकी है। गुरुवार रात रायगढ़ के सिग्नल चौक स्थित एक बार के सामने एक युवक द्वारा शराब के नशे में समाज सुधारक संत गुरु घासीदास बाबा के प्रति अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करने का वीडियो वायरल होने के बाद सतनामी समाज में भारी आक्रोश फैल गया।
इस वीडियो में रायगढ़ निवासी विजय राजपूत उर्फ बिज्जू सिंधी, जो सिंधी कॉलोनी का रहने वाला बताया जा रहा है, शराब के नशे में अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए नजर आया। उसने यह वीडियो स्वयं सोशल मीडिया पर रात करीब 12:30 बजे अपलोड किया, जिसके बाद यह पूरे प्रदेश में जंगल की आग की तरह फैल गया।
समाज में उबाल, थाने का घेराव
अगले ही दिन सुबह से ही रायगढ़ के विभिन्न इलाकों से सतनामी समाज के लोग एकत्र होकर चक्रधर नगर थाना पहुंचे। समाज के नेताओं ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
शाम तक सैकड़ों लोग थाना परिसर में मौजूद रहे। इस बीच रायगढ़ पुलिस ने आरोपी विजय राजपूत और उसके साथियों पर गंभीर गैर-जमानती धाराओं में अपराध दर्ज कर लिया है।
थाना प्रभारी टीआई जे.एल. साहू ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि मामला पूरी गंभीरता से लिया गया है और जांच जारी है।
नशा उतरने के बाद मांगी माफी, लेकिन समाज नहीं हुआ शांत
वीडियो वायरल होने के बाद विजय राजपूत ने एक और वीडियो जारी करते हुए कहा कि वह “नशे की हालत में था” और “गुरु घासीदास बाबा के प्रति किसी प्रकार की अपमान की मंशा नहीं थी।” उसने समाज से सार्वजनिक माफी मांगी।
लेकिन तब तक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी थी। सतनामी समाज के लोगों का कहना है कि यह केवल “नशे की गलती” नहीं, बल्कि “सामाजिक असहिष्णुता और धार्मिक असम्मान” का गंभीर उदाहरण है। वे आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी और सख्त सजा की मांग पर अड़े हुए हैं।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई, लेकिन तनाव बरकरार
रायगढ़ पुलिस ने त्वरित रूप से मामला दर्ज कर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने या अफवाह फैलाने वालों पर भी नजर रखी जा रही है।
फिलहाल रायगढ़ शहर में सतनामी समाज के युवाओं की बाइक रैली, नारेबाजी और सोशल मीडिया पोस्टों से माहौल गर्म है। प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है ताकि मामला कानून-व्यवस्था की समस्या में न बदले।
समाज के नेताओं की अपील: “शांति बनाए रखें”
इस पूरे प्रकरण के बीच समाज के वरिष्ठजनों और धर्मगुरुओं ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि “कानून पर भरोसा रखें और उकसाने वाले तत्वों से दूर रहें।”
वहीं, रायगढ़ पुलिस ने भी बयान जारी कर कहा है कि “किसी भी व्यक्ति को धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है, कानून अपना काम करेगा।”

रायगढ़ का यह मामला छत्तीसगढ़ में बढ़ते जातीय और धार्मिक तनावों का नया संकेत है। सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले वीडियो और बयानों ने प्रदेश की सामाजिक एकता को चुनौती दी है।
जरूरत इस बात की है कि समाज के जिम्मेदार लोग और प्रशासन मिलकर शांति, सौहार्द और कानूनी मर्यादा बनाए रखें — क्योंकि “आस्था पर प्रहार” का असर केवल एक समाज नहीं, बल्कि पूरे राज्य की सामूहिक चेतना पर पड़ता है।
समाचार सहयोगी मनोज मेहर की रिपोर्ट