रायगढ़ में डीएमएफ फंड पर बड़ा फैसला: रवि भगत की मांग को कैबिनेट की मुहर, 100% राशि प्रभावित क्षेत्रों में होगी खर्च

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 31 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ में खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) के उपयोग को लेकर भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के प्रदेशाध्यक्ष और लैलूंगा के युवा नेता रवि भगत की मांग ने सियासी हलचल के बीच सकारात्मक परिणाम लाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में डीएमएफ फंड के 100% उपयोग को खनन प्रभावित क्षेत्रों और विधानसभाओं में प्राथमिकता के आधार पर खर्च करने की मंजूरी दे दी गई है। इस फैसले ने न केवल रवि भगत की मांग को बल प्रदान किया है, बल्कि रायगढ़ और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को नई दिशा देने की उम्मीद जगा दी है।

कैबिनेट का ऐतिहासिक निर्णय
कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ डीएमएफ नियमों में संशोधन को मंजूरी देते हुए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार, डीएमएफ की 70% राशि उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, जैसे खनन क्षेत्र के 15 किमी के दायरे में, और 30% राशि 25 किमी के दायरे में खर्च होगी। यह राशि पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध और निशक्तजनों के कल्याण, कौशल विकास, रोजगार सृजन और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में उपयोग की जाएगी। इस निर्णय से खनन प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय जरूरतों को प्राथमिकता मिलेगी और विकास कार्यों को गति मिलेगी।

रवि भगत की मांग को मिला समर्थन
पिछले पखवाड़े रवि भगत ने डीएमएफ फंड के दुरुपयोग को लेकर सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर सरकार से प्रभावित क्षेत्रों में इस राशि के उपयोग की मांग उठाई थी। इस बयान ने सियासी हलचल मचाई और भाजपा संगठन ने रवि को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हालांकि, कैबिनेट के ताजा फैसले ने रवि की मांग को न केवल जायज ठहराया, बल्कि उनकी आवाज को और बुलंद कर दिया। रायगढ़ से लेकर रायपुर तक सियासी हलकों में चर्चा है कि इस फैसले से रवि भगत का कद और प्रभाव बढ़ा है।

रायगढ़ में डीएमएफ फंड पर संकट के बादल?
कैबिनेट के नए दिशा-निर्देशों के बाद रायगढ़ में डीएमएफ फंड से मंजूर कुछ निर्माण कार्यों पर असर पड़ सकता है। हालांकि, यह निर्णय स्थानीय स्तर पर प्राथमिकता वाले कार्यों को बढ़ावा देगा, जिससे धरमजयगढ़ और अन्य ब्लॉकों में विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी। स्थानीय लोग इस फैसले को सकारात्मक मान रहे हैं, क्योंकि अब फंड का उपयोग गांवों की मूलभूत जरूरतों, जैसे सड़क, पानी और स्वास्थ्य सुविधाओं, के लिए होगा।
वित्त मंत्री की प्रतिक्रिया और विदेश यात्रा
रवि भगत के बयान पर वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इसे सामान्य मांग बताते हुए टिप्पणी की थी। हालांकि, कैबिनेट के फैसले के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि चौधरी ने इस मुद्दे पर उत्पन्न विवाद से बचने के लिए विदेश यात्रा का रुख किया है।

स्थानीय स्तर पर बढ़ी उम्मीदें
इस फैसले से रायगढ़, धरमजयगढ़ और अन्य खनन प्रभावित क्षेत्रों में डीएमएफ फंड के उपयोग को लेकर नई उम्मीदें जगी हैं। स्थानीय लोग और युवा कार्यकर्ता इसे एक बड़े सुधार के रूप में देख रहे हैं, जो क्षेत्र की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर विकास को गति देगा। रवि भगत की इस पहल को न केवल युवाओं, बल्कि आम जनता का भी समर्थन मिल रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला डीएमएफ फंड के पारदर्शी और प्रभावी उपयोग की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। रवि भगत की मांग और कैबिनेट के निर्णय ने यह साबित कर दिया है कि सही दिशा में उठाई गई आवाज न केवल सुनी जाती है, बल्कि उसका सकारात्मक असर भी होता है। रायगढ़ और छत्तीसगढ़ के खनन प्रभावित क्षेत्रों में अब विकास की नई किरण दिखाई दे रही है।
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