रायगढ़ में डीएमएफ फंड के प्रभावी उपयोग के लिए केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन लागू

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। केंद्र सरकार ने खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और वहां के निवासियों की समस्याओं के समाधान के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (डीएमएफ) के तहत जनवरी 2024 में नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन का उद्देश्य खनन क्षेत्रों के आसपास के समुदायों के कल्याण और बुनियादी सुविधाओं के विकास को सुनिश्चित करना है। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में सक्रियता से कार्य कर रही है, ताकि डीएमएफ फंड का उपयोग प्रभावी और पारदर्शी ढंग से हो।
नई गाइडलाइन के अनुसार, डीएमएफ की पूरी राशि खनन क्षेत्रों के 25 किलोमीटर की परिधि के भीतर ही खर्च की जाएगी। इसमें 15 किमी के दायरे को प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र और 15 से 25 किमी के दायरे को अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र माना गया है। इससे रायगढ़ जिले की लैलूंगा, धरमजयगढ़, तमनार और घरघोड़ा तहसीलों के गांवों को विशेष रूप से लाभ मिलेगा, जबकि खरसिया तहसील आंशिक रूप से लाभान्वित होगी। केंद्र सरकार की इस पहल से खनन प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, महिला एवं बाल विकास, कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण जैसे उच्च प्राथमिकता वाले 11 सेक्टरों में 70 प्रतिशत राशि और अन्य क्षेत्रों जैसे बुनियादी ढांचा, सिंचाई, ऊर्जा और वाटरशेड विकास में 30 प्रतिशत राशि खर्च की जाएगी।
केंद्र सरकार ने डीएमएफ के कार्यों की निगरानी और पारदर्शिता के लिए शासी परिषद और मैनेजिंग कमेटी के गठन का प्रावधान किया है। शासी परिषद, जिसके अध्यक्ष जिला कलेक्टर हैं, में लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ-साथ खनन प्रभावित क्षेत्रों के विधायक शामिल हैं। यह परिषद कार्यों को मंजूरी देने के लिए अधिकृत है। इसके अलावा, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) की स्थापना का भी निर्देश दिया गया है, जो तकनीकी विशेषज्ञों के माध्यम से कार्यों की समीक्षा, निरीक्षण, लेखा-जोखा और योजना निर्माण में सहयोग करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार इस गाइडलाइन को लागू करने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। रायगढ़ जिले में प्रभावित क्षेत्रों का बेसलाइन सर्वे और उच्च प्राथमिकता वाले कार्यों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि डीएमएफ की राशि का उपयोग पूरी तरह से प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए हो और किसी भी अन्य योजनाओं में इसका दुरुपयोग न हो। पहले सुपोषण अभियान जैसे कुछ कार्यों में राशि के उपयोग को लेकर भ्रम की स्थिति थी, लेकिन नई गाइडलाइन के तहत अब यह स्पष्ट है कि फंड का उपयोग केवल निर्धारित दायरे और प्राथमिकता वाले सेक्टरों में ही होगा।
केंद्र और राज्य सरकार की इस संयुक्त पहल से रायगढ़ के खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा। पेयजल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, स्वच्छता और आजीविका जैसे क्षेत्रों में होने वाले कार्यों से स्थानीय समुदायों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार इस गाइडलाइन को शीघ्र लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि खनन प्रभावित क्षेत्रों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
यह कदम केंद्र सरकार की उस सोच को दर्शाता है, जिसमें खनन से होने वाली आय का एक हिस्सा स्थानीय समुदायों के कल्याण और उनके क्षेत्र के विकास के लिए उपयोग किया जाए। रायगढ़ जिले में इस गाइडलाइन के प्रभावी कार्यान्वयन से न केवल बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
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