रायगढ़ में गोतस्करी की साजिश नाकाम: बजरंग दल और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से 52 मवेशियों की बची जान, 2 तस्कर गिरफ्तार (देखें वीडियो)

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, छत्तीसगढ़ (26 जुलाई 2025): गोवंश की रक्षा और पशु क्रूरता के खिलाफ लड़ाई में रायगढ़ जिले ने एक और मिसाल कायम की है। घरघोड़ा थाना क्षेत्र के कंचनपुर जंगल में बीती रात बजरंग दल और स्थानीय पुलिस की सतर्कता और साहसिक कार्रवाई ने गोतस्करी के एक बड़े रैकेट को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में 62 मवेशियों को बूचड़खाने में कटने से बचाया गया और दो तस्करों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया। यह घटना गोतस्करों के लिए एक कड़ा संदेश है कि अब उनकी गैरकानूनी गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रात के अंधेरे में रची गई थी क्रूर साजिश
25 जुलाई की देर रात, जब कंचनपुर का घना जंगल और सुनसान रास्ते सन्नाटे में डूबे थे, तब तस्कर 62 मवेशियों को क्रूरता के साथ बूचड़खाने की ओर ले जा रहे थे। भूखे-प्यासे मवेशियों को मारते-पीटते हुए तस्कर जंगल के रास्तों से ओडिशा के लिवरबा इलाके में स्थित एक बूचड़खाने की ओर बढ़ रहे थे। लेकिन उनकी यह साजिश बजरंग दल और गौ-पुत्र सेना की पैनी नजर से बच न सकी। सूत्रों से मिली गोपनीय सूचना के आधार पर बजरंग दल और गौ-पुत्र सेना के कार्यकर्ताओं ने तुरंत रणनीति बनाई और कंचनपुर के मुख्य मार्ग पर घेराबंदी कर दी।
रात करीब 2 बजे, जैसे ही तस्कर मवेशियों के झुंड के साथ जंगल से गुजर रहे थे, बजरंग दल और गौ-पुत्र सेना के कार्यकर्ताओं ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया। इस कार्रवाई के दौरान तस्करों में भगदड़ मच गई। पांच तस्करों में से दो को मौके पर ही पकड़ लिया गया, जबकि तीन अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। पकड़े गए तस्करों की पहचान रामसिंह सिदार (52) और सुखसाय सिदार (26), दोनों निवासी ग्राम कटघरा बैस्कीमुडा, थाना लैलूंगा, के रूप में हुई।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई, FIR दर्ज
सूचना मिलते ही घरघोड़ा थाना की डायल 112 टीम और थाना प्रभारी निरीक्षक कुमार गौरव ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। बजरंग दल और गौ-पुत्र सेना द्वारा पकड़े गए तस्करों और 62 मवेशियों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया। गौ-पुत्र सेना के घुदास महंत द्वारा लिखित शिकायत के आधार पर थाना घरघोड़ा में अपराध क्रमांक 190/2025 दर्ज किया गया। तस्करों के खिलाफ छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10, 11 और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।

पुलिस ने मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और इस रैकेट के पीछे के बड़े सरगनाओं को पकड़ने के लिए गहन जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह संगठित नेटवर्क रायगढ़ के घरघोड़ा, धर्मजयगढ़, लैलूंगा और बाकरुमा जैसे क्षेत्रों से लेकर ओडिशा तक फैला हुआ है।
गोतस्करों के लिए कड़ा संदेश
यह कार्रवाई गोतस्करों के लिए एक सख्त चेतावनी है। बजरंग दल, गौ-पुत्र सेना और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि गोवंश के खिलाफ कोई भी अपराध अब बख्शा नहीं जाएगा। स्थानीय लोगों और गोरक्षा संगठनों ने इस कार्रवाई की जमकर सराहना की है। बजरंग दल के एक कार्यकर्ता ने कहा, **“गोतस्करी एक जघन्य अपराध है, जो न केवल हमारे धार्मिक मूल्यों पर हमला है, बल्कि पशुओं के प्रति क्रूरता को भी दर्शाता है। हम इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।”**
गौ-पुत्र सेना के घुदास महंत ने कहा, **“हमारी संस्कृति में गोवंश को माता का दर्जा दिया गया है। इनके साथ क्रूरता और तस्करी करने वालों को कठोर सजा मिलनी चाहिए। हम पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर इस लड़ाई को और मजबूत करेंगे।”**

समाज में फैला सकारात्मक संदेश
इस कार्रवाई ने न केवल 62 मवेशियों की जान बचाई, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी दिया। स्थानीय ग्रामीणों ने बजरंग दल, गौ-पुत्र सेना और पुलिस की इस त्वरित और साहसिक कार्रवाई की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह गोवंश की रक्षा और पशु संरक्षण के प्रति समुदाय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। क्षेत्र के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह के संगठित अपराधों पर और सख्ती की जाए, ताकि भविष्य में गोतस्करी की घटनाएं पूरी तरह रुक सकें।
गोतस्करों को चेतावनी: अब रास्ता छोड़ दो!
गोतस्करों के लिए यह समय है कि वे अपने इस घृणित अपराध को छोड़ दें। बजरंग दल, गौ-पुत्र सेना और पुलिस की सतर्कता और कठोर कार्रवाई ने साफ कर दिया है कि अब कोई भी तस्कर कानून की पकड़ से बच नहीं सकता। छत्तीसगढ़ में गोवंश की रक्षा के लिए लागू कठोर कानून और समाज की जागरूकता ने तस्करों के लिए इस गैरकानूनी धंधे को असंभव बना दिया है। यह कार्रवाई एक चेतावनी है कि गोतस्करी का रास्ता अब बंद हो चुका है। जो लोग इस अपराध में लिप्त हैं, उनके लिए बेहतर है कि वे इस रास्ते को तुरंत छोड़ दें, अन्यथा कानून का शिकंजा उन्हें और सख्ती से जकड़ेगा।
रायगढ़ में बजरंग दल, गौ-पुत्र सेना और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने गोतस्करी के खिलाफ लड़ाई को एक नई ताकत दी है। यह घटना न केवल गोवंश की रक्षा के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि समाज में जागरूकता और एकता का प्रतीक भी है। पुलिस अब इस नेटवर्क के पीछे के बड़े खिलाड़ियों को पकड़ने के लिए अपनी जांच तेज कर रही है। उम्मीद है कि इस तरह की कार्रवाइयां भविष्य में गोतस्करी को पूरी तरह समाप्त करने में सफल होंगी। बजरंग दल और गौ-पुत्र सेना ने स्पष्ट कर दिया है: **“गोतस्करी नहीं सहेंगे, गोवंश की रक्षा करेंगे!”**