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रायगढ़ पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, पढ़ें विस्तृत खबर..



फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम

“यूट्यूब ट्रेडिंग के नाम पर देशभर में करोड़ों की लूट— क्या यह सिर्फ एक ‘फ्रॉड गैंग’ या पूरा नेटवर्क?”

रायगढ़ पुलिस ने ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय नेटवर्क को पकड़कर सोशल मीडिया ट्रेडिंग स्कैम की एक ऐसी परत खोली है, जो देशभर में अब तक अनदेखी थी।
गिरोह का संचालन यूट्यूब विज्ञापनों और फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए होता था— और देशभर में 200 से ज्यादा लोग इसका शिकार बने।


केस की हाईलाइट्स

1.08 करोड़ की ठगी रायगढ़ के उद्योगकर्मी दंपत्ति से

ऐप में उनकी रकम को भारी मुनाफा दिखाकर 42 करोड़ तक पोर्टफोलियो दिखाया गया

निकासी के नाम पर 5 लाख ब्रोकरेज भी वसूला गया

रकम के ट्रांजेक्शन  श्रीनगर तक पहुँचे

200+ शिकायतें देश के अलग-अलग राज्यों में दर्ज

10 करोड़ से अधिक का अवैध लेनदेन

चार आरोपी गिरफ्तार – मास्टर ऑपरेटर्स से लेकर मनी रूट तक सब खुला

पुलिस को शक— “यह सिर्फ एक शाखा, मुख्य नेटवर्क अब भी सक्रिय हो सकता है”



कैसे शुरू हुआ लूट का खेल?

ढिमरापुर निवासी दंपत्ति ने यूट्यूब पर शेयर ट्रेडिंग का विज्ञापन देखा।
कॉलर ने खुद को “यूके इंडिया चैनल” से जुड़ा बताया और एक ऐप डाउनलोड कराया।
फिर शुरू हुआ निवेश का चक्र— और 20 मई से 30 अगस्त तक 1.08 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में जमा करवाए गए।

सबसे बड़ा झांसा—

जुलाई में जब उन्होंने 32 लाख जमा किए, ऐप ने पोर्टफोलियो में सीधा 42 करोड़ दिखा दिया।
यही था वह ‘ट्रैप पॉइंट’ जहां पीड़ित को लगा कि वह करोड़पति बन चुका है।

निकासी मांगी तो बोला गया—
“पहले 5 लाख ब्रोकरेज दीजिए।”
राशि जमा होते ही… कॉल बंद, ऐप बंद, नंबर बंद।


जांच ने खोला बड़ा नेटवर्क

साइबर सेल ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों और डिजिटल ट्रेल का विश्लेषण किया।
खुलासा हुआ— पीड़ित के लाखों रुपये श्रीनगर में यासीर शॉफी चारलू को भेजे गए थे।
इसी के आधार पर बनी विशेष टीम श्रीनगर रवाना हुई और वहां से खुला एक बड़ा जाल।


श्रीनगर से चार गिरफ्तार – यही थे ‘मनी रूट’

1. यासीर शॉफी चारलू (23) — मुख्य हिसाबी संपर्क


2. साकीब फारूखदार (24) — रकम आगे ट्रांसफर करने वाला


3. मेहराजउद्दीन असाई (57) — मनी चैन का “फैसिलिटेटर”


4. अर्शलन अफॉक (21) — हैंडलर व ऑपरेशन सपोर्ट



पूछताछ में सामने आया—
यह पूरी टीम मतलब के पैसों को कैश में बदलकर आगे ‘अज्ञात नेटवर्क’ तक पहुँचाती थी।


बड़ा सवाल: क्या यह सिर्फ फ्रंट लाइन थी?

200 से ज्यादा शिकायतें

10 करोड़ की रकम

कई राज्यों से लिंक

फर्जी ऐप + यूट्यूब + भुगतान चैन


ये संकेत दिखाते हैं कि यह कोई छोटा गिरोह नहीं, बल्कि एक मल्टी-लेयर नेटवर्क हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय लिंक भी जांच के दायरे में हैं।


क्या पैसा वापस मिलेगा?

जांच में साबित हुआ कि पीड़ित के पूरे 1.08 करोड़ इन्हीं खातों में पहुंचे थे।
पुलिस ने उन खातों को ट्रैक कर रिकवरी प्रक्रिया शुरू की है।
हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं— “इस तरह की रिकवरी लम्बी और जटिल होती है।”


ऑपरेशन में शामिल विशेष टीम

साइबर सेल, कोतवाली पुलिस और श्रीनगर पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
निरीक्षक सुखनंदन पटेल, डीएसपी साइबर अनिल विश्वकर्मा, सीएसपी मयंक मिश्रा और श्रीनगर साइबर थाना टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


पुलिस की चेतावनी: “सोशल मीडिया इन्वेस्टमेंट विज्ञापन 90% फ्रॉड”

एसपी दिव्यांग कुमार पटेल ने कहा—
“किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले जांच जरूरी। तेज मुनाफे वाले विज्ञापन आज साइबर फ्रॉड का सबसे बड़ा हथियार बन चुके हैं।”


अंतिम चेतावनी:

यूट्यूब पर दिख रहा हर ट्रेडिंग विज्ञापन ‘इंवेस्टमेंट’ नहीं— जाल भी हो सकता है!

जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम

Amar Chouhan

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