रायगढ़, छत्तीसगढ़: पुसौर ब्लॉक में विश्व आदिवासी दिवस 2025 धूमधाम से मनाया गया

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लॉक में दिनांक 10 अगस्त 2025 को विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष आयोजन बस स्टैंड ग्राहक सेवा केंद्र के पास आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में हरित सेवा समिति के पर्यावरण प्रेमी सीता राम चौहान, वरिष्ठ पत्रकार केलो कपूत शिव राजपूत, स्वास्तिक मजदूर यूनियन काउंसलिंग ब्लॉक के अध्यक्ष पद्मनाभ प्रधान, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम गुप्ता, सचिव नरेंद्र कुमार नायक सहित अन्य साथी गण उपस्थित रहे। इस अवसर पर आदिवासी समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, उनके योगदान और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया।
विश्व आदिवासी दिवस का महत्व
विश्व आदिवासी दिवस, जो हर साल 9 अगस्त को मनाया जाता है, आदिवासी समुदायों की संस्कृति, परंपराओं और उनके अधिकारों को संरक्षित करने का एक वैश्विक मंच प्रदान करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1994 में इसकी शुरुआत की गई थी, और तब से यह दिन आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने और उनकी समस्याओं को उजागर करने का अवसर बन गया है। छत्तीसगढ़, जहां आदिवासी समुदाय राज्य की पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं, में यह दिवस विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है।
आयोजन का विवरण
पुसौर ब्लॉक के बस स्टैंड ग्राहक सेवा केंद्र के पास आयोजित इस कार्यक्रम में स्थानीय आदिवासी समुदाय के लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक शामिल हुए। हरित सेवा समिति के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक एकता और आदिवासी संस्कृति के संवर्धन पर चर्चा की गई। सीता राम चौहान ने अपने संबोधन में पर्यावरण और आदिवासी जीवन शैली के गहरे संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “आदिवासी समुदाय प्रकृति के सच्चे रक्षक हैं। उनकी जीवन शैली हमें पर्यावरण संरक्षण का महत्व सिखाती है।”
वरिष्ठ पत्रकार केलो कपूत शिव राजपूत ने आदिवासी समुदाय के अधिकारों और उनकी समस्याओं को मीडिया के माध्यम से उजागर करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “विश्व आदिवासी दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमें उनके हक और सम्मान के लिए निरंतर प्रयास करना होगा।“

स्वास्तिक मजदूर यूनियन काउंसलिंग ब्लॉक के अध्यक्ष पद्मनाभ प्रधान, कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम गुप्ता और सचिव नरेंद्र कुमार नायक ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं के महत्व पर प्रकाश डाला। पद्मनाभ प्रधान ने कहा, “आदिवासी समाज की प्रगति के लिए हमें उनकी शिक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान देना होगा।”
सांस्कृतिक एकता और शुभकामनाएं
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी लोगों ने विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक विरासत को संजोने का संकल्प लिया। आयोजन में स्थानीय आदिवासी नृत्य और गीतों की प्रस्तुति भी हुई, जिसने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। यह आयोजन सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय की स्थिति
छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय राज्य की कुल जनसंख्या का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गोंड, उरांव, कंवर, माडिया, मुरिया जैसी जनजातियां अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के लिए जानी जाती हैं। राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जैसे प्रधानमंत्री जनमन योजना और नियद नेल्लानार योजना, जो आदिवासी क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने पर केंद्रित हैं।
पुसौर ब्लॉक में विश्व आदिवासी दिवस 2025 का यह आयोजन न केवल आदिवासी समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करने का अवसर बना, बल्कि सामाजिक जागरूकता और एकता को भी बढ़ावा दिया। हरित सेवा समिति और अन्य सामाजिक संगठनों के इस प्रयास ने स्थानीय लोगों में उत्साह का संचार किया। सभी उपस्थित लोगों ने एक स्वर में विश्व आदिवासी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और आदिवासी समुदाय के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
*🙏🌹 विश्व आदिवासी दिवस की ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏*