रायकेरा और बरमुड़ा में रथयात्रा महोत्सव की अद्भुत छटा, बारिश में भी उत्साह और भक्ति का अनुपम संगम

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़: घरघोड़ा विकासखंड के ग्राम पंचायत रायकेरा और देवगढ़ के आश्रित ग्राम बरमुड़ा में इस वर्ष रथयात्रा महोत्सव का आयोजन ऐतिहासिक उत्साह, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक वैभव के साथ संपन्न हुआ। रिमझिम बारिश के बीच भी ग्रामीणों का जोश और भक्ति देखते ही बनता था। आयोजकों की मेहनत और समर्पण ने इस पर्व को एक अविस्मरणीय उत्सव में बदल दिया, जहां हर दिल भक्ति और उल्लास से झूम उठा।
आयोजन स्थल को भव्य और मनमोहक ढंग से सजाया गया था, जिसने हर आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित किया। विशेष रूप से बच्चों और युवाओं के लिए लगाए गए झूलों ने उत्सव में चार चांद लगा दिए। आयोजकों की सूझबूझ और रचनात्मकता की हर ओर प्रशंसा हो रही है, जिन्होंने बारिश के बावजूद हर व्यवस्था को बखूबी संभाला।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुई, जिसके बाद महिलाओं और युवतियों द्वारा प्रस्तुत कर्मा नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। यह लोकनृत्य स्थानीय संस्कृति की जीवंत झलक और आयोजकों के सांस्कृतिक संरक्षण के प्रयासों का प्रतीक बना। इस बार रथ खींचने की परंपरा के स्थान पर प्रतीकात्मक झूला स्थापित किया गया, जहां श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर उत्सव को और पवित्र बनाया। भजन, ढोल-मांदर की थाप और लोकगायन ने माहौल को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कर दिया।
रायकेरा के झूला रथ मेले में सरपंच, जनपद पंचायत प्रतिनिधियों और सामाजिक-राजनीतिक पदाधिकारियों की गरिमामय उपस्थिति ने आयोजन को और भव्यता प्रदान की। इसी तरह, बरमुड़ा में भी सरपंच, बीडीसी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी सहभागिता से उत्सव को ऐतिहासिक बना दिया। जनप्रतिनिधियों ने आयोजकों की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण ने इस पर्व को सामाजिक एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बना दिया।
बारिश के बावजूद आयोजकों ने व्यवस्था को इतनी कुशलता से संभाला कि उत्सव की रौनक में कोई कमी नहीं आई। प्रशासन ने भी शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सराहनीय प्रबंध किए। ग्रामीणों ने आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह महोत्सव न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा, “ऐसे आयोजन गांव में खुशियों का माहौल बनाए रखते हैं। आयोजकों का यह प्रयास हर साल और भव्य हो, यही हमारी कामना है।”
रायकेरा और बरमुड़ा के आयोजकों को उनकी दूरदर्शिता, समर्पण और सामुदायिक भावना के लिए हृदय से बधाई। इस रथयात्रा महोत्सव ने न केवल ग्रामीणों के बीच खुशी बिखेरी, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।