युवा सरपंच द्वारा कार्यालय में छत्तीसगढ़ शासन का प्रतीक चिन्ह: क्या है नियमों की स्थिति?

क्या सरपंच भी छत्तीसगढ़ शासन के अभिन्न हिस्सों में से एक हैं?
सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत सलबा के नवनिर्वाचित युवा सरपंच ने अपने कार्यालय को आधुनिक रूप देकर सुर्खियां बटोरी हैं। कार्यालय की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर वे अपनी सक्रियता और प्रतिष्ठा को जनता के सामने प्रदर्शित करते रहते हैं। हालांकि, उनके कार्यालय में छत्तीसगढ़ शासन का प्रतीक चिन्ह, जो उनकी कुर्सी के ठीक पीछे दीवार पर लगा है, विवाद का विषय बन गया है। सवाल उठता है कि क्या सरपंच को शासन के प्रतीक चिन्ह को इस तरह उपयोग करने की अनुमति है? और क्या पूर्व विधायक के नजदीकी रहे किसी युवा नेता को अपने निजी कार्यालय में यह प्रतीक चिन्ह लगाने का अधिकार है?
प्रतीक चिन्ह के उपयोग पर नियम
छत्तीसगढ़ शासन के प्रतीक चिन्ह का उपयोग 4 सितंबर 2001 को राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया था। यह प्रतीक चिन्ह सामान्यतः सरकारी विभागों, निगमों, मंडलों और संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों द्वारा उनके आधिकारिक कार्यालयों में उपयोग किया जाता है। हालांकि, ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंचों द्वारा इस प्रतीक चिन्ह के उपयोग के संबंध में कोई स्पष्ट सरकारी निर्देश उपलब्ध नहीं हैं।
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम, 1993 के अनुसार, सरपंच ग्राम पंचायत का एक निर्वाचित प्रतिनिधि होता है और ग्राम पंचायत को स्थानीय स्वशासन की इकाई के रूप में मान्यता प्राप्त है। यह अधिनियम सरपंच के कर्तव्यों और अधिकारों को परिभाषित करता है, लेकिन प्रतीक चिन्ह के उपयोग के बारे में कोई विशिष्ट उल्लेख नहीं करता। सामान्य प्रचलन के अनुसार, शासकीय प्रतीक चिन्ह का उपयोग केवल उन कार्यालयों में किया जाता है, जो राज्य सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण में हों या जिन्हें इसकी अनुमति प्राप्त हो।
क्या निजी कार्यालय में प्रतीक चिन्ह लगाया जा सकता है?
पूर्व विधायक के नजदीकी रहे युवा नेता यदि अपने निजी कार्यालय में छत्तीसगढ़ शासन का प्रतीक चिन्ह लगाते हैं, तो यह नियमों का उल्लंघन हो सकता है। सरकारी नियमों के अनुसार, शासकीय प्रतीक चिन्ह का उपयोग केवल आधिकारिक और सरकारी कार्यों के लिए किया जा सकता है। निजी कार्यालय, जो किसी सरकारी पद या विभाग से संबद्ध नहीं है, में इसका उपयोग अनुचित माना जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 1956 के समान, जो सरकारी कर्मचारियों को अनधिकृत प्रतीकों के प्रदर्शन पर रोक लगाती है, छत्तीसगढ़ में भी इस तरह के नियम लागू हो सकते हैं।
सरपंच और शासकीय प्रतीक चिन्ह
ग्राम पंचायतें छत्तीसगढ़ शासन का अभिन्न हिस्सा हैं, क्योंकि ये स्थानीय स्वशासन की त्रिस्तरीय व्यवस्था का हिस्सा हैं। सरपंच, एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि के रूप में, ग्राम पंचायत के कार्यों का नेतृत्व करता है। हालांकि, सरपंच का पद संवैधानिक रूप से राज्य सरकार के उच्च पदों जैसे जिला कलेक्टर या अन्य शासकीय अधिकारियों के समकक्ष नहीं है, जिनके कार्यालयों में प्रतीक चिन्ह का उपयोग सामान्य है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सरपंच द्वारा प्रतीक चिन्ह का उपयोग तब तक उचित नहीं माना जा सकता, जब तक कि इसके लिए स्पष्ट सरकारी आदेश या अनुमति न हो। सलबा के सरपंच द्वारा कार्यालय में प्रतीक चिन्ह लगाना उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को बढ़ाने का प्रयास हो सकता है, लेकिन यह नियमों के अनुरूप नहीं होने की संभावना है।
जनप्रतिनिधियों और प्रतिष्ठा का प्रदर्शन
राजनीति में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा अपनी प्रतिष्ठा को प्रदर्शित करने की प्रवृत्ति आम है। विशेष रूप से युवा नेता, जो जल्द से जल्द नेतृत्व में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं, अक्सर ऐसे कदम उठाते हैं। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों पर ध्यान दें, न कि केवल व्यक्तिगत छवि निर्माण पर। सलबा के सरपंच, जो ऊर्जावान और जनता के बीच लोकप्रिय हैं, को प्रतीक चिन्ह के उपयोग से पहले शासन से स्पष्ट अनुमति लेनी चाहिए थी। यदि यह उपयोग नियमों के अनुरूप है, तो उन्हें अन्य पंचायतों को भी इसका अनुसरण करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
वर्तमान में, छत्तीसगढ़ शासन के प्रतीक चिन्ह के उपयोग के संबंध में सरपंचों या निजी व्यक्तियों के लिए कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए, सलबा के सरपंच को सलाह दी जाती है कि वे इस विषय पर जिला प्रशासन या पंचायत संचालनालय से औपचारिक अनुमति प्राप्त करें। साथ ही, राज्य सरकार को चाहिए कि इस संबंध में स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करे, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति में स्पष्टता हो और अन्य सरपंच भी इसका अनुसरण कर सकें।
सलबा के युवा सरपंच से अपेक्षा है कि वे अपनी ऊर्जा और उत्साह को ग्राम पंचायत के विकास और जनता की सेवा में लगाएं। प्रतीक चिन्ह का उपयोग, यदि अनधिकृत है, तो इसे हटाकर वे नियमों का पालन करें और अपनी प्रतिष्ठा को जनसेवा के माध्यम से और मजबूत करें।