मृतक दशरथ पटेल के परिजनों को मिला न्याय, लंबे समय से फरार आरोपी लक्ष्मण पटेल को भेजा गया सलाखों के पीछे

बरमकेला में युवक ने की थी आत्महत्या
लक्ष्मण पटेल की अपमानजनक टिप्पणी ने छीनी दशरथ की जिंदगी
परिवार पर छाया संकट का बादल
सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
बरमकेला (सारंगढ़-बिलाईगढ़, छत्तीसगढ़): ग्राम गोपालपुर में 29 वर्षीय दशरथ पटेल की कीटनाशक सेवन से हुई दुखद मृत्यु ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि स्थानीय निवासी लक्ष्मण पटेल की अपमानजनक और अमानवीय टिप्पणी ने दशरथ को आत्महत्या के लिए उकसाया। इस घटना ने न केवल दशरथ के परिवार को गहरे दुख में डुबो दिया, बल्कि लक्ष्मण पटेल के परिवार पर भी सामाजिक और कानूनी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। लक्ष्मण के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है।

मर्ग जांच (मर्ग क्रमांक 04/2025, धारा 194 BNSS) के अनुसार, 16 जनवरी 2025 की रात करीब 9:00 बजे, दशरथ अपने कोठार के पास थे, जब लक्ष्मण पटेल ने उनके सामने आकर अशोभनीय टिप्पणी की, “मैं तेरी पत्नी के साथ सोया था, तू मेरा क्या बिगाड़ लेगा? तुझे तो जहर पीकर मर जाना चाहिए।” इस क्रूर और अपमानजनक बयान ने दशरथ को गहरे मानसिक आघात में डाल दिया। इस पीड़ा से क्षुब्ध होकर, 17 जनवरी 2025 की सुबह 6:30 बजे, दशरथ ने अपने घर में रखे कीटनाशक (पारा 24) का सेवन कर लिया।
दशरथ को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) बरमकेला ले जाया गया, जहां से उन्हें श्री बालाजी मेट्रो अस्पताल, रायगढ़ रेफर किया गया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद, 21 जनवरी 2025 को सुबह 4:40 बजे दशरथ ने दम तोड़ दिया। मृतक के मरणासन्न कथन और परिजनों व गवाहों के बयानों ने लक्ष्मण की टिप्पणी को इस त्रासदी का मुख्य कारण बताया। दशरथ के पिता मिनकेतन पटेल और अन्य गवाहों ने भी लक्ष्मण के बयान की पुष्टि की, जिससे गांव में उसकी हरकतों की कड़ी निंदा हो रही है।

पुलिस ने मृतक के मोबाइल रिकॉर्ड और अस्पताल के बेडहेड टिकट की जांच की, जिसमें कीटनाशक सेवन की पुष्टि हुई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का सटीक कारण स्पष्ट नहीं हो सका, इसलिए विसरा को FSL बिलासपुर भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अभी प्रतीक्षित है।
थाना बरमकेला के सहायक उप-निरीक्षक चित्रांगद चंद्रा ने बताया कि लक्ष्मण पटेल के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का गंभीर अपराध दर्ज किया गया है। इस मामले ने लक्ष्मण के परिवार को सामाजिक अपमान और कानूनी कार्रवाई के डर में डाल दिया है। गांव में चर्चा है कि लक्ष्मण की इस हरकत ने न केवल दशरथ के परिवार को अपूरणीय क्षति पहुंचाई, बल्कि उसके अपने परिवार की प्रतिष्ठा को भी गहरी चोट पहुंची है।

यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक व्यवहार के प्रति जागरूकता की कमी को उजागर करती है। लक्ष्मण के परिवार को अब न केवल कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि गांव में उनकी सामाजिक स्थिति भी दांव पर है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी संवेदनहीन टिप्पणियां समाज में नफरत और दुख को ही बढ़ावा देती हैं।
पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, और FSL रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। दशरथ के परिवार को न्याय की उम्मीद है, जबकि लक्ष्मण का परिवार इस घटना के सामाजिक और कानूनी प्रभाव में जी रहा है।