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भूतेश्वर महादेव मंदिर से दानपेटी चोरी: सीसीटीवी में कैद हुई तीन नाबालिग लड़कियों की करतूत, कानून की गिरफ्त अब तय

भूतश्वर महादेव मंदिर में दानपेटी चोरी की वारदात सीसीटीवी में कैद, अटल आवास की तीन नाबालिग लड़कियां पहचान में आईं — अब कानून सिखाएगा ‘चोरी’ का दंड

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम बिलासपुर।

शहर के अशोक नगर स्थित भूतश्वर महादेव मंदिर में दानपेटी चोरी की घटना ने स्थानीय लोगों को हैरानी में डाल दिया है। मंदिर परिसर में रखी गई दानपेटी को चोरी कर ले जाने की पूरी वारदात मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में साफ-साफ कैद हो गई है। फुटेज सामने आते ही मंदिर समिति और आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

सीसीटीवी फुटेज ने खोली पूरी कहानी

जांच के दौरान जब मंदिर प्रशासन ने फुटेज खंगाला, तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। वीडियो में तीन नाबालिग लड़कियां—जो अशोक नगर स्थित अटल आवास में रहती हैं—दानपेटी के पास पहुंचती दिखीं।
फुटेज में स्पष्ट दिखा कि—

लड़कियां पहले मंदिर परिसर में इधर-उधर स्थिति भांपती हैं

फिर एक लड़की दानपेटी को उठाती है

और तीनों तेजी से वहां से निकल जाती हैं


उनके बाहर निकलते ही परिसर में मौजूद लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगी।

मंदिर समिति ने दी सूचना, पुलिस सक्रिय

घटना का पता लगते ही मंदिर प्रबंधन ने संबंधित लोगों को सूचित किया और मामले को पुलिस तक पहुंचाया। चूंकि पूरी वारदात सीसीटीवी में दर्ज है, इसलिए पुलिस की जांच अब सीधे आरोपित नाबालिगों की पहचान और उनकी भूमिका पर केंद्रित है।

सूत्रों के मुताबिक, तीनों लड़कियों की लोकेशन और पारिवारिक पृष्ठभूमि खंगाली जा रही है। बाल कल्याण समिति (CWC) को भी इस मामले में शामिल किए जाने की संभावना है।

कानून सख्त, नाबालिग होने पर भी कार्रवाई तय

हालांकि आरोपी लड़कियां नाबालिग हैं, लेकिन चोरी भारतीय दंड संहिता के तहत एक संज्ञेय अपराध है। अतः उनके खिलाफ—

BNS धारा 303 — चोरी

किसी व्यक्ति की संपत्ति को उसकी अनुमति के बिना बेईमानी से ले जाना = चोरी

सज़ा:

3 साल तक की कैद, या
जुर्माना, या
दोनों

धार्मिक स्थल पर आपराधिक हरकत (यदि लागू हो)


जैसे प्रावधानों के तहत कार्रवाई हो सकती है। बच्चों के कानून (जेजे एक्ट) के मुताबिक उन्हें बाल सुधार प्रणाली के अंतर्गत ही प्रस्तुत किया जाएगा, लेकिन सजा के विकल्प कानूनी रूप से स्पष्ट हैं।

मंदिर की पवित्र दानराशि बन रही आसान निशाना

यह पहली बार नहीं है जब मंदिरों की दानपेटियाँ अपराधियों के निशाने पर आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि—

मंदिरों में दानपेटियाँ ‘अनअटेंडेड कैश पॉइंट’ बन जाती हैं

सुरक्षा व्यवस्था कमजोर होने से ऐसे मामले बढ़ते हैं

नाबालिग अपराधियों की संख्या बढ़ना समाज के लिए चिंताजनक संकेत है


“चोरी—पाप भी, अपराध भी”

मंदिर समिति के सदस्यों ने कहा कि यह घटना धार्मिक आस्था और सामाजिक मर्यादा दोनों पर प्रहार है। उन्होंने टिप्पणी की—
“चोरी चाहे दानपेटी की हो या आम आदमी की जेब की, संविधान से लेकर समाज तक, हर स्तर पर यह पाप भी है और अपराध भी। इन नाबालिगों को अब कानून यही सबक सिखाएगा।”

पुलिस का अगला कदम अहम

मामला फिलहाल जांच में है। फुटेज में स्पष्ट पहचान होने के कारण माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिस तीनों नाबालिग लड़कियों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू करेगी।

Amar Chouhan

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