भारत दौरे से पहले पुतिन की यूरोप को कड़ी चेतावनी: “युद्ध चाहोगे तो रूस तैयार है”—क्या बढ़ रही है तीसरे विश्व युद्ध की आशंका?

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम मॉस्को/नई दिल्ली। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोप को जिस कड़े लहजे में चेतावनी दी है, उससे अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हलचल तेज हो गई है। भारत दौरे से मात्र एक दिन पहले पुतिन ने साफ कहा है कि “अगर यूरोप रूस के खिलाफ युद्ध शुरू करना चाहता है, तो रूस पूरी तरह तैयार है… और नतीजा यूरोप की पूरी हार होगा।” पुतिन के इस बयान को वैश्विक विश्लेषक संभावित विश्व युद्ध जैसी स्थिति की ओर बढ़ता तनाव मान रहे हैं।
भारत आने से पहले पुतिन का गरम संदेश—क्यों बढ़े हालात गंभीर?
राष्ट्रपति पुतिन 4 दिसंबर को भारत दौरे पर पहुंचने वाले हैं। लेकिन ठीक उससे पहले मॉस्को में निवेश मंच को संबोधित करते हुए उन्होंने ऐसा बयान दिया जिसने यूरोप-अमेरिका की राजनीतिक नसें टाइट कर दीं।
पुतिन के अनुसार—
“अगर यूरोप युद्ध चाहता है, तो रूस बिना एक सेकंड गंवाए युद्ध के लिए तैयार है।”
“अगर हालात बिगड़े, तो बातचीत करने के लिए कोई नहीं बचेगा।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जारेड कुशनर मॉस्को आए हुए हैं और यूक्रेन युद्ध पर शांति के रास्ते तलाश रहे हैं।
यूरोप पर आरोप: “शांति प्रस्ताव बदल दिए, रूस को दोषी ठहरा दिया”
पुतिन ने यूरोप पर आरोप लगाया कि—
शांति प्रस्तावों में अपनी शर्तें जोड़कर यूरोप ने वार्ता का रास्ता बंद किया
रूस को बार-बार दोषी ठहराया जा रहा है
बार-बार यह झूठ फैलाया जा रहा है कि रूस यूरोप पर हमला कर सकता है
पुतिन ने कहा कि रूस की कोई ऐसी योजना नहीं है, लेकिन अगर यूरोप टकराव चाहता है, तो रूस पीछे नहीं हटेगा।
जेलेंस्की पर सीधा हमला: ‘उनके रहते समझौता बेकार’
पिछले हफ्ते किर्गिस्तान दौरे पर पुतिन ने कहा था—
“जब तक ज़ेलेंस्की सत्ता में हैं, शांति समझौता बेकार है।”
रूस मैदान में बढ़त बनाए हुए है
अगर यूक्रेन सेना कब्जे वाले इलाके छोड़ दे तो लड़ाई रुक सकती है
वरना रूस सैन्य कार्रवाई से अपने लक्ष्य हासिल करेगा
यह बयान भी बताता है कि पुतिन किसी नरम रुख में नहीं हैं।
अमेरिका-रूस मुलाकात 5 घंटे चली—लेकिन समाधान नहीं
मॉस्को के दूसरे हिस्से में पुतिन ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से 5 घंटे लंबी बैठक की।
चर्चा को “उपयोगी और सकारात्मक” बताया गया, लेकिन—
कोई समझौता नहीं हुआ
दोनों पक्षों ने माना कि “अभी बहुत काम बाकी है”
बातचीत आगे भी जारी रहेगी
यानी शांति की कोशिशें अभी भी अनिश्चित हैं।
क्या बढ़ रही है तीसरे विश्व युद्ध की आशंका? — सरल शब्दों में समझिए
दुनिया भर के विश्लेषक मान रहे हैं कि हालात बेहद खतरनाक मोड़ पर हैं। इसकी वजहें:
1. रूस का सीधा सैन्य संदेश
पहली बार पुतिन ने खुलकर कहा—
“युद्ध चाहोगे तो युद्ध मिलेगा।”
यह संकेत किसी बड़े संघर्ष की चेतावनी जैसा है।
2. यूरोप के युद्ध की संभावनाएँ बढ़ीं
कई यूरोपीय देश पहले ही यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं।
अगर सीधे रूस से भिड़ने की गलती हुई तो टकराव नाटो बनाम रूस में बदल सकता है—
और यही विश्व युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर सकता है।
3. अमेरिका-रूस डायलॉग का कोई नतीजा नहीं
5 घंटे की मीटिंग के बाद भी समाधान नहीं निकला।
यह दर्शाता है कि स्थिति बहुत नाजुक है।
4. भारत के दौरे से पहले कठोर बयान का संदेश
भारत आज दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाने वाली शक्ति है।
पुतिन का भारत से पहले ऐसा बयान देना बताता है कि
रूस अपने रुख में बिल्कुल सख्त है।
दुनिया एक खतरनाक मोड़ पर—भारत की भूमिका अहम
पुतिन का बयान सिर्फ चेतावनी नहीं बल्कि एक राजनीतिक संकेत है—
रूस अब पीछे हटने को तैयार नहीं।
यूरोप अगर गलत कदम उठाता है तो हालात वैश्विक युद्ध जैसी स्थिति तक जा सकते हैं।
पुतिन के भारत दौरे के दौरान
शांति की कोशिशें
रूस-भारत गठजोड़
और कूटनीतिक संतुलन
बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
आने वाले दिनों में दुनिया की नजरें दिल्ली और मॉस्को की ओर होंगी।