भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन काउंसिल हर स्तर पर करेगी मां काली एलॉयज प्रा. लि. के उद्योग विस्तार का विरोध – रायगढ़ जिलाध्यक्ष रविन्द्र प्रसाद गुप्ता

जिले में औद्योगिक प्रदूषण की अनदेखी कर उद्योग विस्तार की अनुमति आम नागरिकों के लिए घातक – अमरदीप चौहान (यूनियन्स स्पीकर)
रायगढ़। सर्व विदित है की प्रदूषण के मार झेल रहा रायगढ़ जिला बुरी तरह औद्योगिक प्रदूषण की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ चुका है यही नहीं यहां के तालाब नदी झरने सभी जल के प्राकृतिक स्त्रोत जहरीले हो चुके हैं जिसका मुख्य कारण बढ़ता औद्योगिकीकरण है।
यही नहीं जहां रायगढ़ जिले के उद्योगों को प्रदूषण संबंधी निराकरण करते हुए अपने उद्योग को विस्तार करने से रोकना चाहिए परंतु सारे नियम ताक में रखते हुए यहां उद्योगों का निरंतर विस्तार और नए उद्योग लगने का सिलसिला रुक नहीं रहा है जो चिंतनीय है उक्त बातें BJMTUC के कर्मठ, ऊर्जावान, सामाजिक कार्यकर्ता नव नियुक्त जिलाध्यक्ष श्री रविंद्र प्रसाद गुप्ता ने कहा उन्होंने आगे कहा की मां काली एलॉयज कम्पनी के उद्योग विस्तार के विरोध में यह भी स्पष्ट रूप से कहा की सरकार बिना भौतिक परीक्षण के निरंतर रायगढ़ जिले में उद्योग की अनुमति देकर जिले को बर्बादी की ओर धकेल रही है। हमेशा से ही हर स्तर पर उद्योगों का विरोध हो रहा है लेकिन किसी भी सरकार और प्रशासन आम जनता के स्वास्थ्य एवं प्राकृतिक संरक्षण के बारे में नहीं सोच रहे हैं सभी को पता है की रायगढ़ जिला बुरी तरह प्रदूषण की मार खेल रहा है लेकिन शासन प्रशासन मुख बाधित होकर केवल तमाशा देख रही है एवं निजी लाभ दिलाने के लिए सभी उद्योगपतियों को विस्तार एवं नए उद्योग लगाने की अनुमति निरंतर दी जा रही है।
उन्होंने कहा की हम शासन से निवेदन करेंगे की रायगढ़ जिले में और उद्योग लगाना आम नागरिक जीव जंतु एवं प्राकृतिक संसाधनों के लिए घातक है यद्यपि हमारा निवेदन स्वीकार नहीं होता है तो ट्रेड यूनियन कॉन्सिल की ओर से जिले के सभी कार्यकर्ता एवं ग्रामीण उग्र आंदोलन सहित न्यायालय की शरण में जाने के लिए बाध्य रहेंगे।

उक्त उद्योग के विस्तार से आक्रोशित होकर संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री दयानन्द पटनायक ने विस्तार की अनुमति की घोर निंदा करते हुए कहा है कि जिले के अधिकारियों को ना तो यहां के जीव जंतु दिख रहे हैं ना ही हमें ऑक्सीजन देने वाले पेड़ पौधे के संरक्षण की चिंता है और ना ही उद्योगों से होने वाले गंभीर बीमारियाँ इन सभी को ताक में रखते हुए आम नागरिक के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए उद्योगपतियों के साथ सांठ गांठ करते हुए पर्यावरणीय स्वीकृति बिना भौतिक परीक्षण के देना आम नागरिक के अधिकारों के हनन के बराबर है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि अब वक्त आ गया है यह लड़ाई सड़क से सदन तक करने की आवश्यकता है वरना औद्योगिक प्रदूषण, बीमारी, जल स्रोतों का दोहन, जंगली जीव जंतुओं का विनाश निकट है।
दयानन्द पटनायक ने कहा की उद्योगपति जिले के समस्त संसाधनों का दोहन करने के बावजूद स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार की सुविधा मुहैया नहीं करा रही है उक्त विषय पर सैकड़ो बार स्थानीय प्रशासन एवं प्रदेश सरकार से हर स्तर पर निवेदन किया गया है परंतु विडंबना है की स्थानीय लोगों के हाथ में केवल निराशा ही हाथ लगी है।
जो भी सुविधा उद्योगपतियों द्वारा दिया जा रहा है वह केवल कागजों तक सिमट कर रह गया है यदि इस पर आम नागरिक ध्यान नहीं देंगे तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा जिला गंभीर बीमारी की चपेट पर आकर विश्व स्तर के कोविड बीमारी की तरह लोगों की जान भी लेने से नही बाज आएगा।
ट्रेड यूनियन के जिलाध्यक्ष ने कहा की हम जिले के नागरिक हैं, उद्योग के खिलाफ आमजन की लड़ाई में सदैव आम नागरिकों के साथ खड़ा रहेंगे यहां तक की उन्होंने संगठन की ओर से आश्वस्त किया कि उनका संगठन जिले के सभी कार्यकर्ता, पर्यावरण प्रेमी सहित सभी का साथ मिला तो हम उक्त लड़ाई को सड़क से सदन तक ले जाने के लिए हमेशा तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा की उद्योग से पीड़ित बेरोजगार, सीएसआर का बंदरबाट एवं कई तरह की औद्योगिक सुविधाओं से पीड़ित व्यक्ति साथ हैं एवं इस लड़ाई में भाग लेकर हम जिले को प्रदूषण रहित बनाने के लिए अवैधानिक रूप से स्थापित प्लांट एवं विस्तार पर रोक लगाने प्रयास करें ताकि आने वाला भविष्य प्रदूषण रहित एवं स्वच्छ रहे साथ ही जिले के हर युवक को रोजगार एवं सभी गांव को सीएसआर का उचित लाभ मिल सके।
