बाल दिवस पर कोतरा स्कूल में उमड़ी रचनात्मकता — नन्हे हाथों ने सजाया हुनर का रंग-बिरंगा बाल मेला

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़।
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, कोतरा में इस वर्ष का बाल दिवस बच्चों की रचनात्मकता, उत्साह और मासूमियत का अद्भुत संगम बनकर उभरा। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. के. वी. राव और डीएमसी आलोक स्वर्णकार के मार्गदर्शन में आयोजित यह भव्य कार्यक्रम अंग्रेजी माध्यम के नोडल अधिकारी बीर सिंह के नेतृत्व में व्यवस्थित, आकर्षक और प्रेरणादायक साबित हुआ।
अध्यक्ष ने फीता काटकर किया उद्घाटन, बच्चों को दिए उपहार
कार्यक्रम का शुभारंभ शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मगनलाल पटेल ने फीता काटकर किया। उन्होंने सभी बच्चों को बाल दिवस की मंगलकामनाएँ दीं और उपहार प्रदान कर उत्साह बढ़ाया। उनके संबोधन में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के प्रति स्नेह और संवेदनशीलता स्पष्ट नजर आई।

स्टॉलों में दिखी नन्हे हाथों की कल्पनाशक्ति—विज्ञान, कला और छत्तीसगढ़िया संस्कृति का शानदार संगम
अंग्रेजी माध्यम की एचओडी सावित्री पटेल की देखरेख में बच्चों ने विभिन्न थीम के स्टॉल लगाकर अपने हुनर का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।
विज्ञान प्रयोगों से सजा साइंस कॉर्नर,
आकर्षक कला-कृतियाँ,
छत्तीसगढ़िया व्यंजनों की खुशबू से महकते स्टॉल,
रोचक गेम्स और एक्टिविटी जोन,
सबने आगंतुकों का मन मोह लिया। खासकर विज्ञान और कला पर आधारित थीम कक्ष कार्यक्रम का आकर्षण केंद्र बना, जहां छोटे-छोटे वैज्ञानिकों ने जिज्ञासा और ज्ञान का अद्भुत मेल प्रस्तुत किया।
शिक्षक बने बच्चे—प्रार्थना सभा में खिली मुस्कुराहटें और आत्मीयता
बाल दिवस की प्रार्थना सभा कार्यक्रम की सबसे अनूठी झलक रही। सभी शिक्षक स्वयं बच्चे बनकर मंच पर उतरे—
किसी ने कमांड दी,
किसी ने दैनिक विचार प्रस्तुत किया,
तो किसी ने खेलकूद गतिविधियाँ कर माहौल में रंग भर दिया।
इसने बच्चों और शिक्षकों के बीच का भावनात्मक रिश्ता और मजबूत किया।

अधिकारियों ने सराहा—“ऐसे आयोजन बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाते हैं”
नोडल अधिकारी बीर सिंह ने कहा—
> “बाल मेला बच्चों में नेतृत्व, आत्मनिर्भरता और टीमवर्क की क्षमता विकसित करता है। यही आयोजन उनके समग्र विकास की नींव तैयार करते हैं।”
शिक्षकों ने बच्चों के स्टॉल से खरीदारी कर उनका मनोबल बढ़ाया, वहीं सामूहिक भोजन में परोसी गई खीर ने आयोजन में मिठास घोल दी।
मुख्य अतिथि मगनलाल पटेल ने बांटी खुशियाँ, याद दिलाया बचपन का महत्व
मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा—
> “बाल दिवस केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि अपने बचपन की यादों को जीने का अवसर है। बच्चों की मुस्कान हमारी सच्ची संपत्ति है।”
उन्होंने विद्यालय परिवार की मेहनत, अनुशासन और रचनात्मकता की खुलकर सराहना की।

सफलता का श्रेय—पूरे स्टाफ की टीमवर्क को
कार्यक्रम को सफल बनाने में विजयालक्ष्मी साहू, सरिता पटेल, ममता पटेल, मिथुन कुमार पटेल, दीपक पटेल, अलका तिवारी, पी. मोनिका जसिंता बड़ा, रश्मि चौधरी, भारत, शुभम लोहिया, नितेश साव पटेल, नम्रता पंडा तथा पूरे स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम का संचालन सोनू मिश्रा ने बेहद प्रभावशाली ढंग से किया।
पूरे विद्यालय परिसर में बच्चों की हँसी, उत्साह और रचनात्मकता की चहल-पहल पूरे दिन छाई रही।
बाल दिवस 2025 का यह आयोजन बच्चों की यादों में हमेशा के लिए बस गया—एक प्रेरणा, एक अनुभव और एक सुंदर उत्सव की तरह।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान की रिपोर्ट