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बरमकेला में सगे भाई ने की भाई की हत्या

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम बरमकेला, छत्तीसगढ़: एक दिल दहला देने वाली घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया, जहां शराब के नशे और तीव्र आक्रोश ने सगे भाई को अपने ही भाई का हत्यारा बना दिया। बरमकेला पुलिस ने इस अंधे कत्ल की गुत्थी को चंद घंटों में सुलझाकर अपनी तत्परता का परिचय दिया।

19 अगस्त 2025 को बरमकेला पुलिस को सूचना मिली कि जामजोरी जंगल में एक शव झाड़ियों में छिपाया गया है। तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मृतक की पहचान परमदेव कुमार राम उर्फ राहुल (17 वर्ष), निवासी ग्राम कुचिला, थाना छिपादोहर, जिला लातेहार (झारखंड) के रूप में की। जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि हत्यारा कोई और नहीं, बल्कि मृतक का सगा भाई रूपेश कुमार राम और उसका नाबालिग दोस्त था।

पुलिस पूछताछ में पता चला कि 17 अगस्त 2025 की रात को परमदेव (राहुल) शराब के नशे में अपने बड़े भाई रूपेश के साथ घरेलू विवाद में मारपीट कर रहा था। इससे गुस्साए रूपेश ने अपने नाबालिग दोस्त के साथ मिलकर डंडे से राहुल पर हमला कर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद, दोनों ने शव को प्लास्टिक की बोरी में बांधा और मोटरसाइकिल पर जामजोरी जंगल ले जाकर झाड़ियों में फेंक दिया।

बरमकेला पुलिस ने सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई शुरू की। पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निमिषा पाण्डेय और उप पुलिस अधीक्षक सारंगढ़ अविनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी उप निरीक्षक ए.के. बेक और उनकी टीम ने मामले की गहन जांच की। संदेह के आधार पर रूपेश और उसके नाबालिग दोस्त से पूछताछ की गई, जिन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। दोनों आरोपियों को 19 अगस्त को गिरफ्तार कर 20 अगस्त 2025 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।

आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1), 238(ए), और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने अपराध के पुख्ता सबूत जुटाए, जिसके आधार पर दोनों को जेल भेजा गया।

यह घटना शराब के दुष्प्रभाव और आक्रोश के परिणामस्वरूप होने वाली हिंसा का एक दुखद उदाहरण है। दोनों भाई झारखंड से मजदूरी करने छत्तीसगढ़ आए थे, लेकिन शराब और आपसी विवाद ने एक परिवार को तहस-नहस कर दिया। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि नशा और अनियंत्रित गुस्सा न केवल व्यक्तिगत जीवन, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी नष्ट कर सकता है।

इस जटिल मामले को चंद घंटों में सुलझाने के लिए बरमकेला पुलिस की टीम, जिसमें थाना प्रभारी ए.के. बेक, सहायक उप निरीक्षक त्रित्रांगद वंन्द्रा, प्रधान आरक्षक भुवनेश्वर पण्डा, विजय यादव, आरक्षक दिनेश चौहान, अशोक पटेल, गुलशन चौधरी और अन्य स्टाफ शामिल थे, की प्रशंसा की जा रही है।

यह घटना नशे की लत और पारिवारिक कलह के खतरनाक परिणामों को दर्शाती है। समाज को इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए नशे के खिलाफ जागरूकता और पारिवारिक एकता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। बरमकेला पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने न केवल अपराधियों को सजा दिलाने में मदद की, बल्कि यह भी दिखाया कि कानून का डर अपराध को रोकने में कितना प्रभावी हो सकता है।

Amar Chouhan

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