बरमकेला में संविधान रैली के साथ गूंजे लोकतांत्रिक मूल्यों के स्वर, जनप्रतिनिधियों ने बताया—संविधान देश की आत्मा

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम बरमकेला। संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को बरमकेला में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अजाक्स के संयुक्त तत्वावधान में भव्य संविधान रैली निकाली गई। डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक से सुभाष चौक तक निकली यह रैली सामाजिक समरसता, संवैधानिक मूल्यों और नागरिक कर्तव्यों के प्रति जनजागरण का सशक्त संदेश देती दिखाई दी।
कार्यक्रम की शुरुआत जनपद पंचायत अध्यक्ष डॉ. विद्या किशोर चौहान द्वारा अंबेडकर चौक स्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए कहा कि— “संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और हमारी सामूहिक आकांक्षाओं का जीवंत प्रतीक है। यह हर भारतीय को सम्मान, अधिकार और स्वाभिमान के साथ जीवन जीने की शक्ति प्रदान करता है।”
उन्होंने सभी नागरिकों से संविधान के मूल्यों की रक्षा करने एवं अपने कर्तव्यों के पालन का संकल्प लेने की अपील की।
सभा को संबोधित करते हुए पुनीत राम चौहान ने कहा कि देश की व्यवस्था संविधान के नियमों पर ही आधारित है और इन्हें पालन करना ही एक जिम्मेदार नागरिक का परिचायक है। वहीं पुष्पराज सिंह बरिहा ने बाबा साहेब के संघर्षों और उनके असाधारण योगदान को रेखांकित किया।
इस अवसर पर गोपाल बाघे, नरेश खूंटे, रामकुमार सिदार समेत कई वक्ताओं ने संविधान की महत्ता और सामाजिक बराबरी जैसे विषयों पर विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का संचालन सुभाष चौहान ने किया। इसके अलावा अंबेडकर मंच के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान, विशिकेशन चौहान, विजय भारती, गनेशी चौहान, तिलकराम नायक, भागीरथी मलिक, नरेश चौहान, देवराज दीपक, रजनी एक्का, भुवन चौहान, रूपराम सिदार, संतोष चौहान, विश्वदेव भोय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
संविधान दिवस पर निकली यह रैली न केवल जनजागरण का माध्यम बनी, बल्कि सामाजिक एकता, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का भी संकल्प लेकर आगे बढ़ी।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान