फेमा जांच में सहयोग नहीं—ईडी ने अंबानी ग्रुप की 1,400 करोड़ की संपत्तियां की जब्ती, कार्रवाई हुई तेज

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम मुंबई/नई दिल्ली।
अनिल धीरुभाई अंबानी ग्रुप (ADAG) के चेयरमैन अनिल अंबानी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्रुप से जुड़ी 1,400 करोड़ रुपये मूल्य की नई अचल संपत्तियां जब्त कर लीं। इस ताज़ा कार्रवाई के बाद अंबानी समूह के खिलाफ ED द्वारा जब्त कुल संपत्तियों का मूल्य बढ़कर करीब 9,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
ईडी की नई कार्रवाई ऐसे समय में सामने आई है जब जांच एजेंसी द्वारा भेजे गए समन के बावजूद अनिल अंबानी लगातार पूछताछ में शामिल होने से बचते रहे हैं।
फेमा जांच में पेश नहीं हुए अंबानी, ईडी ने मानी ‘गंभीर लापरवाही’
सूत्रों के अनुसार, अनिल अंबानी को 17 नवंबर को जयपुर–रींगस हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़ी FEMA (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) जांच में पेश होना था, लेकिन उन्होंने दूसरी बार भी एजेंसी के समन को नजरअंदाज करते हुए वर्चुअल पेशी का प्रस्ताव दिया।
14 नवंबर को भी अंबानी व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुए थे।
ईडी ने तकनीकी माध्यम से बयान रिकॉर्ड करने के प्रस्ताव को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया, क्योंकि एजेंसी मामले में आमने-सामने पूछताछ को आवश्यक मान रही है।
जांच की जड़—2010 का हाईवे प्रोजेक्ट और 40 करोड़ का संदिग्ध ट्रांसफर
ED की यह जांच उन आरोपों से जुड़ी है जिनमें कहा गया कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 2010 में मिले राष्ट्रीय राजमार्ग प्रोजेक्ट के दौरान लगभग 40 करोड़ रुपये को सूरत की शेल/फर्जी कंपनियों के माध्यम से दुबई भेजा गया।
जांच एजेंसी इस लेन-देन को संभावित हवाला और FEMA उल्लंघन के संदर्भ में परख रही है।
हाल में हुई ₹4,462 करोड़ की जमीन की भी कुर्की
यह ताजा कार्रवाई उस समय हुई है जब कुछ दिन पहले ही ईडी ने नवी मुंबई स्थित धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी की 132 एकड़ जमीन को — जिसकी बाजार कीमत करीब 4,462 करोड़ रुपये है — धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत अस्थायी रूप से अटैच किया था।
इससे पूर्व ईडी रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस और रिलायंस होम फाइनेंस से जुड़े 3,083 करोड़ रुपये की संपत्तियों को भी अटैच कर चुकी है।
17,000 करोड़ के कथित बैंक घोटाले में पहले हो चुकी है 9 घंटे की पूछताछ
अनिल अंबानी से अगस्त माह में ईडी ने 17,000 करोड़ रुपये के कथित बैंक लोन फ्रॉड केस में करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी।
जांच एजेंसी का मानना है कि अंबानी प्रोफाइल वाले मामलों में लगातार गैरहाजिरी जांच को प्रभावित करती है, इसलिए अब सख्त कदम जरूरी हो गए हैं।
क्या आगे गिरफ्तारी की स्थिति बन सकती है?
ईडी द्वारा
लगातार संपत्ति जब्ती,
दोबारा समन,
वर्चुअल पेशी को खारिज करना,
को देखते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि अनिल अंबानी व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होते, तो अगला कदम जबरन पेशी या गिरफ्तारी भी हो सकता है।
हालांकि इस पर अभी ईडी की ओर से आधिकारिक बयान नहीं आया है।
अनिल अंबानी ग्रुप के खिलाफ ईडी की कार्रवाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचती दिख रही है।
फेमा जांच से लेकर बैंक फ्रॉड केस और संपत्ति कुर्की — इन सभी मोर्चों पर एजेंसी की सक्रियता यह संकेत देती है कि आने वाले दिनों में अंबानी के लिए कानूनी चुनौतियां और गहराने वाली हैं।
समाचार सहयोगी हरीश चौहान की रिपोर्ट