फारेस्ट रेंजर लीला पटेल का मामला पहुँचा SDM कार्यालय, अब होगी कार्रवाई या सिर्फ लीपापोती?

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। वन क्षेत्र की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी जिन कंधों पर है, वही अब जंगल की कटाई और अवैध कब्जे के गंभीर आरोपों में घिरी हैं। वन परिक्षेत्र अधिकारी लीला पटेल पर लगे आरोप अब निचले स्तर से निकलकर रायगढ़ SDM कार्यालय तक पहुँच चुके हैं। दस्तावेज़ों के अनुसार, वन मंडल रायगढ़ द्वारा जांच के निर्देश दिए गए हैं, और स्पष्ट कहा गया है कि संबंधित पटवारी से रिपोर्ट लेकर जांच की पुष्टि की जाए।
मामला रायगढ़ तहसील के ग्राम भगोरा के जंगल की भूमि हल्का न. 00035 खसरा नंबर 68/5, रकबा 0.4890 हेक्टेयर पर अवैध कब्जे और कटाई से जुड़ा है, जिस पर पूर्व में शिकायतकर्ता द्वारा SDM रायगढ़ को आवेदन दिया गया था। इसके बाद उपवन मंडलाधिकारी घरघोड़ा ने संबंधित वनमंडलाधिकारी के पत्रों का हवाला देते हुए दस्तावेज़ सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है।

परंतु सवाल यह उठता है कि –
जब प्रथम दृष्टया प्रमाण और शिकायत पहले ही सामने आ चुकी है, तो अब तक ठोस कार्यवाही क्यों नहीं हुई? क्या विभाग सिर्फ दस्तावेज़ी खानापूर्ति कर शिकायत को ठंडे बस्ते में डालने की तैयारी में है? या फिर यह मामला भी उस ढेर में शामिल हो जाएगा, जहाँ कार्रवाई से ज्यादा लीपापोती होती है?
वन संपदा की लूट और जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी को अगर नज़रअंदाज़ किया गया, तो यह केवल पर्यावरण की क्षति नहीं होगी, बल्कि प्रशासन की जवाबदेही पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह होगा!!