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फर्जी पुलिसवाला बन कर वसूली करता था युवक, कारोबारी से 5 लाख मांगते दबोचा गया (नव्या केस..)

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ की राजधानी में क्राइम ब्रांच के नाम पर वसूली करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी आशीष शर्मा भाठागांव निवासी है। वह खुद को क्राइम ब्रांच का सिपाही बताकर कारोबारी से पांच लाख रुपये की मांग कर रहा था।

रायपुर में फर्जी पुलिसवाला आशीष।

कारोबारी से 5 लाख मांगते दबोचा गया।

एसीबी-ईओडब्ल्यू फर्जी आई कार्ड मिला

रायपुर। राजधानी में क्राइम ब्रांच के नाम पर वसूली करने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी आशीष घोष उर्फ आशीष शर्मा भाठागांव निवासी है। वह खुद को क्राइम ब्रांच का सिपाही बताकर कारोबारी से पांच लाख रुपये की मांग कर रहा था।

जानकारी के मुताबिक आरोपी जेल रोड स्थित होटल में पहुंचा था। वहां उसने कुछ लोगों को धमकाते हुए कहा कि ड्रग्स केस में गिरफ्तार नव्या मलिक ने उनका नाम लिया है। कार्रवाई से बचना है तो पांच लाख रुपये देने होंगे। होटल प्रबंधन ने तत्काल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को सूचना दी। सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया।

आरोपी के घर और वाहन की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नोटों के बंडल, थाने से जुड़े दस्तावेज, सायरन लगी कार, पुलिस की ड्यूटी चार्ट, गश्त प्वाइंट और एसीबी-ईओडब्ल्यू का फर्जी आई कार्ड बरामद किया गया है। उसके मोबाइल की जांच भी जारी है। फिलहाल पुरानी बस्ती थाना पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

थानों में जाकर बैठता था आरोपी…..

पुलिस ने बताया कि आशीष घोष पहले कोतवाली, फिर तेलीबांधा और हाल ही में गंज थाने में जाकर बैठता था। थानों में आने वाले फरियादियों से बातचीत भी वही करता था। पुलिस की गाड़ियों में घूमना और पेट्रोलिंग करना उसका आम काम हो गया था। 31 अगस्त को उसने क्राइम ब्रांच का सिपाही ‘आशीष राजपूत’ बनकर वसूली की कोशिश की थी।

अधिकारियों से करीबी, सिपाहियों की पोस्टिंग भी कराता था

आरोपी की दोस्ती राज्य के कई बड़े पुलिस अधिकारियों से थी। वह उनके घरों तक आता-जाता था और उनकी गाड़ियों में भी घूमता था। आरोप है कि उसने कई सिपाही-हवलदारों की पोस्टिंग भी कराई और इसके एवज में मोटी रकम वसूली।

क्राइम ब्रांच में भी कुछ सिपाही से हर महीने भी वसूली करता था। पैसे नहीं देने पर उनको ब्लैकमेल करता था। डर दिखाता था कि क्राइम ब्रांच से हटवा देगा, उच्च अधिकारियों से उसकी पहुंच है। सिपाही उसे डर करके हर महीने उसे पैसे भी देते थे।

संरक्षण की जांच में जुटी पुलिस…..

एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने बताया कि आरोपी को किसका संरक्षण प्राप्त था, उसके पास सरकारी दस्तावेज कैसे पहुंचे और किन-किन अधिकारियों से उसके संबंध थे, इसकी जांच की जा रही है। दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

Amar Chouhan

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