प्रशासनिक अधिकारीयों के आश्वासन के बाद खुला रायगढ़ घरघोड़ा हाईवे मार्ग का चक्काजाम
फसल मुआवजे और बिजली दुरुस्त करने की मांग को लेकर किसान करते रहे आंदोलन
हाथियों ने कई एकड़ फसल को किया है बर्बाद और क्षेत्र में पसरा रहा अंधेरा
बिजली विभाग की अनदेखी से दहशत में जीने को मजबूर हैं ग्रामीण
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। घरघोड़ा थाना क्षेत्र के अमलीडीह मुख्य मार्ग पर अमलीडीह, सुमड़ा, पंडरीपानी,छर्राटांगर, समारुमा समेत 5 गाँव के सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने रायगढ़ अंबिकापुर हाईवे में सुबह चक्का जाम कर दिया रहा और फसल मुआवजा समेत बिजली व्यवस्था बहाल करने की मांग की जाती रही। आपको बता दें की घरघोड़ा वन परिक्षेत्र में 70 से 80 हाथियों के दल लगातार विचरण कर रहे हैं। हांथीयों के दल ने अमलीडीह, भालूमार, सुमड़ा, पंडरीपानी, बैहमुडा सहित सामारुमा जंगल से लगे गाँव में लगभग 50 एकड़ से अधिक जमीन में लगी धान कि फसल को चौपट कर दिया है। फसल चौपट होने के कारण किसानो को भारी आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक हानि से जूझने के कारण आक्रोषित किसानों ने प्रत्येक एकड़ पर 21 क्विंटल धान खरीदी के मुआवजे की दर से मुआवजा और क्षेत्र में एक हफ्ते से ठप्प हुई बिजली व्यवस्था को बहाल करने को लेकर आज ग्राम अमलीडीह के मुख्य मार्ग में चक्का जाम कर दिया था। ग्रामीणों के आक्रोश के बावजूद वहां घरघोड़ा तहसीलदार और थानेदार ही मोर्चा संभालते नजर आए वहीं बिजली विभाग और वन विभाग की ओर से कोई जिम्मेदार अधिकारी नजर नहीं आया।
लगभग 4 से 5 घंटे चले इंतजार के बाद वहां वन विभाग की ओर से एसडीओ फारेस्ट पहुँचे तब तहसीलदार और फारेस्ट डिपार्टमेंट के एसडीओ ने ग्रामीणों को उनकी मांग पूरी करने का आश्वासन दिया फिर नव पदस्थ थाना प्रभारी ने सड़क से जाम हटवा कर यातायात व्यवस्था बहाल कराई। बहरहाल ग्रामीणों का कहना है की तय समय सीमा में उनकी माँगे पूरी नहीं हुई तो फिर से चक्का जाम किया जायेगा।
गौरतलब है कि क्षेत्र मे विचरण कर रहे 3 हांथीयों कि मौत के बाद लगातार बिजली की कटौती की जा रही है जिससे ग्रामीण काफ़ी दहशत में हैं और चैन से सो भी नहीं पा रहे रातजगा करने को मजबूर हैं।