प्रभावितों की सूची में बाहरी लोगों का डाला नाम, फिर से हुआ इस क्षेत्र में बड़ा खेला!

नागरामुड़ा के ग्रामीणों ने कलेक्टर से की शिकायत, जेपीएल की गारे पेलमा 4/1 कोल ब्लॉक से हो रहा प्रभावित
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। जिंदल पावर लिमिटेड को आवंटित कोल ब्लॉक गारे पेलमा 4/1 के तहत नागरामुड़ा पूरी तरह विस्थापित हो रहा है। विस्थापन का दंश झेलने वाले इस गांव के लोग कलेक्टर के समक्ष अपना दर्द लेकर पहुंचे। इनका कहना था कि सर्वे ही त्रुटिपूर्ण किया गया है। प्रभावितों में बाहरी लोगों का नाम डाला गया है।गत एक अक्टूबर को घरघोड़ा एसडीएम ने गारे पेलमा 4/1 द्वितीय चरण के भूअर्जन के लिए इश्तहार जारी किया था। ग्राम डोंगामहुआ, जांजगीर, नागरामुड़ा, आमगांव और टपरंगा प्रभावित हो रहे हैं। नागरामुड़ा विस्थापित होना है। इसलिए परिवार और संपत्ति का सर्वे करवाकर पुनर्वास योजना तैयार कराया गया। मंगलवार को आपत्ति दर्ज कराने का अंतिम दिन था।
ग्रामीणों ने कलेक्टर जनदर्शन में पहुंचकर आवेदन दिया। उनका कहना है कि कितनी भूमि अर्जित की जा रही है, इसका जिक्र ही नहीं किया गया। सर्वे त्रुटिपूर्ण है क्योंकि अधिकांश ग्रामवासियों के नाम ही नहीं हैं। बाहरी व्यक्तियों का नाम सर्वे में अंकित किया गया है। नागरामुड़ा जनजाति ग्राम है जिसमें जनजातियों का सर्वे नहीं किया गया है। नागरामुड़ा बस्ती को भी विस्थापित किया जा रहा है जबकि इसके लिए कोई सर्वे नहीं किया गया है। नागरामुड़ा से होकर हाथियों का कॉरीडोर गुजरता है। इसलिए भी यहां की जमीन नहीं ली जानी चाहिए।
ग्रामीणों का कहना है कि पांच किमी में मोरगा पहाड़ है जिसमें पुरातत्व चिह्न मौजूद हैं। इसके दस किमी परिधि में कोल ब्लॉक डेवलप नहीं हो सकता। ग्राम पंचायत जांजगीर की ग्राम सभा से अनापत्ति नहीं ली गई है। नागरामुड़ा में कितने बेरोजगार हैं और उनको रोजगार देने के लिए क्या किया जाएगा, इसका भी कोई उल्लेख नहीं किया गया है। पूर्व में भी नागरामुड़ा की जमीन का अधिग्रहण 2009-10 में किया गया था जिसमें कोई पुनर्वास लाभ नहीं मिला है। किस दर पर जमीन ली जाएगी, इसकी घोषणा भी नहीं की गई है।
भूमि नहीं देना चाहते ग्रामवासी
नागरामुड़ा के ग्रामीणों ने कहा कि वे अपनी जमीनें जिंदल पावर को नहीं देना चाहते। यहां कई ग्रामीण वनोपजों पर निर्भर हैं। भूअर्जन में प्रभावित 18 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति रोजगार की पात्रता रखते हैं। भूअर्जन की स्थिति में रोजगार का भी प्रकाशन होना आवश्यक है। उनकी मांग है कि ग्रामवासियों का प्रतिनिधिमंडल बनाकर ग्राम का सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए।