पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ जिला ईकाई रायगढ़ द्वारा तमनार तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया ज्ञापन

पत्रकार महासंघ छत्तीसगढ़ का आक्रोश: मुकेश चंद्राकर हत्याकांड पर उठाईं गंभीर मांगें
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर के हत्या के आरोपियों को फांसी देने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागु करने समेत है कई मांगें
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले ने छत्तीसगढ़ के पत्रकारों को आक्रोशित कर दिया है। रायगढ़ जिले के पत्रकार महासंघ ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखकर इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही, पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग भी की गई है।
महासंघ ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि मुकेश चंद्राकर की हत्या एक साजिश के तहत की गई है। उन्होंने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को हत्या का मुख्य आरोपी बताया है और उसकी सभी संपत्तियों को जब्त करने की मांग की है। साथ ही, आरोपियों को फांसी की सजा देने की भी मांग की गई है।
महासंघ ने यह भी मांग की है कि ठेकेदार के सभी टेंडर रद्द किए जाएं। साथ ही, बीजापुर के पुलिस अधीक्षक को निलंबित करने की भी मांग की गई है।
छग पत्रकार महासंघ अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष रमेश बेहरा के दिशानिर्देशन और प्रताप नारायण बेहरा के नेतृत्व में विरेंद्र कुमार साहु, सुनील बेहरा, अमरदीप चौहान, विकास चौहान, निरंजन गुप्ता, नरेश राठिया, राजेश गुप्ता, अश्वनी मालाकार, सुमन कुमार गुप्ता, अशोक सारथी, हरिराम गुप्ता, दीपक मालाकार, मोती लाल चौधरी, योगेश मालाकार और अक्षय नायक द्वारा तमनार तहसीलदार विकास जिंदल को ज्ञापन सौंपा गया है।
ज्ञापन में महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो प्रदेशभर के पत्रकार 15 जनवरी से पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करेंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
मुख्य मांगें:
* मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा दिया जाए।
* पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए।
* हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए।
* ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की सभी संपत्तियां जब्त की जाएं।
* ठेकेदार के सभी टेंडर रद्द किए जाएं।
* बीजापुर के पुलिस अधीक्षक को निलंबित किया जाए।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की उच्च स्तरीय जांच कराने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की जा रही है। गौरतलब है की पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने ठेकेदार सुरेश चंद्राकर द्वारा सड़क निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार के मामले को प्रमुखता से उठाया था, जिस पर सरकार ने जांच के आदेश दिए थे।
बीजापुर पत्रकार हत्या मामला बहुत दुःखद है। एक पत्रकार की जान लेना न केवल एक जीवन की क्षति है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर भी हमला है।
यह मामला छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। बहरहाल अब यह देखना होगा की पत्रकार महासंघ की मांगों पर छत्तीसगढ़ सरकार की क्या प्रतिक्रिया आती है !!
जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान..✍️