नरेगा कर्मचारियों की पीड़ा: बिना वेतन के पीएम आवास योजना में तैनात, आखिर कौन है जिम्मेदार?
सम्पादक अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। 26.02.2025 प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के सफल क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के नरेगा कर्मचारियों को तैनात किया गया है, लेकिन विडंबना यह है कि वे पिछले तीन महीनों से बिना वेतन काम करने को मजबूर हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे ये कर्मचारी सरकार और प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
बिना वेतन काम करने को मजबूर कर्मचारी
नरेगा कर्मचारियों को ग्राम पंचायत स्तर पर आवास निर्माण की प्रगति रिपोर्ट तैयार करने, लाभार्थियों की सूची अपडेट करने और अन्य प्रशासनिक कार्यों में लगाया गया है। लेकिन वेतन न मिलने के कारण उनके सामने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का संकट खड़ा हो गया है।
सरकार की अनदेखी या प्रशासन की लापरवाही?
कर्मचारियों का कहना है कि वेतन बकाया होने के बावजूद उनसे लगातार काम लिया जा रहा है। “हमने जिला प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग को कई बार ज्ञापन सौंपा, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला,” एक कर्मचारी ने नाराजगी जताते हुए कहा।
कौन है जिम्मेदार?
इस स्थिति के लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग के बीच तालमेल की कमी को मुख्य कारण माना जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि फंड जारी करने में देरी हो रही है, जबकि कर्मचारी इसे प्रशासन की लापरवाही करार दे रहे हैं।
क्या कहती है सरकार?
संबंधित अधिकारियों ने बताया कि “फंड मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही वेतन जारी कर दिया जाएगा।” हालांकि, कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें हर बार यही वादा किया जाता है, लेकिन हकीकत में कोई समाधान नहीं निकलता।
कर्मचारियों की चेतावनी – काम बंद करने का ऐलान
अगर जल्द ही वेतन का भुगतान नहीं किया गया, तो नरेगा कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी दी है, जिससे प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य प्रभावित हो सकता है।
अब देखने वाली बात यह होगी कि सरकार इस गंभीर समस्या का समाधान कब तक करती है या फिर यह मामला भी सिर्फ फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।