देवगढ़ में दबोचा गया ‘दुबे’—रायगढ़ से नाबालिग को भगा ले जाने वाला आरोपी अब पुलिस के शिकंजे में

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 12 दिसंबर।
चक्रधरनगर पुलिस ने एक बार फिर अपनी त्वरित कार्रवाई से यह साबित कर दिया कि नाबालिगों के अपहरण या उन्हें बहला-फुसलाकर ले जाने जैसी गंभीर अपराधों में पुलिस की पकड़ ढीली नहीं पड़ती। थाना क्षेत्र से लापता हुई किशोर बालिका को ओडिशा से सकुशल वापस लाते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी आदित्य दुबे को धरदबोचा है। वहीं आरोपी को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
शुरू से ही संदिग्ध था आरोपी, मोबाइल बंद… नौकरी से भी गायब
25 नवंबर को बालिका की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी बेटी 24 नवंबर की शाम से लापता है। परिवार को आशंका थी कि कोई युवक उसे बहला-फुसलाकर ले गया है। मामला दर्ज होते ही चक्रधरनगर पुलिस ने अपराध क्रमांक 524/25 धारा 137(2) बीएनएस के तहत जांच शुरू की।
जैसे-जैसे पुलिस ने उसके संपर्कों की पड़ताल की, आदित्य दुबे का नाम पहले संदिग्ध के तौर पर सामने आया। दुबे न केवल अपने कार्यस्थल से गायब मिला बल्कि उसका मोबाइल भी घटना के बाद से बंद था — यह संकेतों की एक सीधी लाइन थी कि युवक कुछ बड़ा छिपा रहा है।
तकनीकी निगरानी ने खोला सुराग—ओडिशा के देवगढ़ में छिपा था
पुलिस टीम ने लगातार लोकेशन बेस्ड ट्रैकिंग, सीडीआर विश्लेषण और मानवीय स्रोतों के सहारे आरोपी की गतिविधियों पर निगरानी रखी। इन प्रयासों का नतीजा तब मिला जब सूचना पुख्ता हुई कि आरोपी दुबे ओडिशा के देवगढ़ इलाके में छिपकर रह रहा है।
सूचना मिलते ही एएसआई नंद कुमार सारथी के नेतृत्व में पुलिस टीम देवगढ़ रवाना हुई। कुछ घंटों की कड़ी तलाश के बाद टीम ने आदित्य दुबे को गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से नाबालिग बालिका को भी सकुशल बरामद कर लिया।
शादी का झांसा देकर भगाने की बात आई सामने
पूछताछ में बालिका ने बताया कि आरोपी उसे शादी का लालच देकर मोटरसाइकिल से अपने साथ ले गया था।
यह खुलासा सामने आने के बाद मामला और गंभीर हो गया।
बालिका का महिला उप निरीक्षक वीना साहू की मौजूदगी में कथन दर्ज किया गया और विधिसम्मत मेडिकल परीक्षण भी कराया गया।
गंभीर धाराएँ जोड़ी गईं— अब सीधे कठोर कानूनों के घेरे में
जांच में तथ्य सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ निम्न धाराएँ बढ़ा दीं—
धारा 87 बीएनएस
धारा 64(2)(एम) बीएनएस
धारा 6 पॉक्सो एक्ट
इन धाराओं के बाद आरोपी का रास्ता अब सीधे न्यायिक प्रक्रिया और सख्त दंड की ओर जाता है।
कौन-कौन रहे कार्रवाई में शामिल?
इस सफल ऑपरेशन में—
प्रभारी थाना चक्रधरनगर उप निरीक्षक गेंदलाल साहू
एएसआई नंद कुमार सारथी
आरक्षक शैलेन्द्र पैंकरा
महिला आरक्षक दरोथिया किण्डो
की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आदित्य दुबे की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट संदेश गया है कि नाबालिगों से जुड़े अपराधों में पुलिस किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है।
चक्रधरनगर पुलिस की लगातार निगरानी, त्वरित कार्रवाई और ओडिशा तक चली सटीक मुहिम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अंतरराज्यीय सीमाएँ भी कानून के हाथों को रोक नहीं सकतीं।
समाचार सहयोगी सिकंदर चौहान