तमनार वन क्षेत्र में 10 लाख की साल लकड़ी जब्त — वन विभाग की कार्रवाई से हड़कंप, तस्कर फरार

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/तमनार।
वन संपदा की लूट पर रोक लगाने वन विभाग ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई अंजाम दी है। तमनार वन परिक्षेत्र में बुधवार सुबह मुखबिर की सूचना पर की गई दबिश में वन विभाग की टीम ने अवैध रूप से काटी गई साल प्रजाति की करीब 85 नग लकड़ियां बरामद की हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 9 से 10 लाख रुपए बताई जा रही है। हालांकि, विभाग की कार्रवाई से पहले ही लकड़ी तस्करों को भनक लग गई और वे मौके से फरार हो गए।
वन विभाग के अनुसार, तमनार परिक्षेत्र अधिकारी को सूचना मिली थी कि सराईपाली के गौरमुड़ी राजस्व क्षेत्र से भारी मात्रा में लकड़ी अवैध रूप से परिवहन की जा रही है। सूचना मिलते ही वन अमला तत्काल मौके पर पहुंचा, लेकिन विभागीय टीम के पहुंचने से पहले ही तस्कर लकड़ियां छोड़कर जंगल की ओर भाग निकले।
वनकर्मियों ने घटनास्थल की तलाशी के दौरान 85 नग साल के लट्ठे बरामद किए। माप लेने पर इनकी मात्रा करीब 21 घन मीटर पाई गई। लकड़ियों को जब्त कर उर्दना डिपो में सुरक्षित रखा जा रहा है।
इस संबंध में तमनार रेंजर विजेन्द्र कुमार ने बताया कि स्थल निरीक्षण के दौरान पास के राजस्व क्षेत्र में कई पेड़ों के ठूंठ (कटे अवशेष) मिले हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि लकड़ियों की अवैध कटाई वहीं से की गई थी। उन्होंने बताया कि जब्त लकड़ी की बाजार कीमत लगभग 10 लाख रुपए के आसपास है।
वन विभाग अब इस पूरे प्रकरण में अज्ञात तस्करों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए प्रयासरत है। आसपास के इलाकों में ग्रामीणों और मुखबिर तंत्र से जानकारी जुटाई जा रही है।
वन विभाग की इस कार्रवाई से क्षेत्र में लकड़ी माफिया और तस्करों में हड़कंप मचा हुआ है। लगातार हो रही अवैध कटाई और तस्करी की घटनाओं के बीच यह कार्रवाई विभाग के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कुछ समय से रात के अंधेरे में लकड़ी की आवाजाही तेज़ हो गई थी, लेकिन अब विभाग की सक्रियता से तस्करों पर नकेल कसने की उम्मीद बढ़ गई है।