Latest News

तमनार में 951 बोरी अवैध धान जब्त: कड़ी निगरानी के दावों के बीच बड़ा खुलासा, चेकपोस्टों की कार्यप्रणाली पर उठे गंभीर सवाल

फ्रीलांस एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/तमनार — समर्थन मूल्य पर धान खरीदी को पारदर्शी, सुरक्षित और भ्रष्टाचार–मुक्त बनाने राज्य सरकार लगातार सख्ती दिखा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिले में धान की अवैध खरीद–फरोख्त और भंडारण पर रोक लगाने विशेष अभियान चल रहा है। इसी क्रम में प्रशासन को बड़ी सफलता मिली है। तमनार तहसील के ग्राम बिजना में राजस्व और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम ने 951 बोरी अवैध धान जब्त कर एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है।

कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के मार्गदर्शन और एसडीएम घरघोड़ा दुर्गा प्रसाद अधिकारी के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में टीम ने माखन गुप्ता (पिता–भुनेश्वर गुप्ता) के घर से धान बरामद किया। धान को मौके पर ही प्रशासनिक कब्जे में ले लिया गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि सरकारी धान खरीदी नीति में किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।



लेकिन अब उठ रहे हैं कड़े सवाल — 951 बोरी धान गांव तक पहुँचा कैसे?

कार्रवाई प्रभावी रही, लेकिन इसके साथ ही पूरे क्षेत्र में कई गंभीर सवाल तैरने लगे हैं—

ओड़िशा सीमा के पास स्थापित पाँच सक्रिय चेकपोस्टों की मौजूदगी में इतनी बड़ी मात्रा में धान तमनार क्षेत्र में कैसे दाखिल हो गया?

क्या चेकपोस्टों में मिलीभगत, लापरवाही या फिर निगरानी में चूक हुई है?

लगातार सख्त अभियान और कड़ी पेट्रोलिंग के दावों के बीच 951 बोरी धान का मिलना क्या सिस्टम की कमज़ोरियाँ उजागर करता है?


इन सवालों ने धान खरीदी व्यवस्था की विश्वसनीयता को कठघरे में खड़ा कर दिया है।



सूत्रों का बड़ा दावा — “सूखा तालाब मार्ग” बना अवैध परिवहन का नया रास्ता

स्थानीय सूत्रों के अनुसार बिजना गांव सूखा तालाब वाले कच्चे रास्ते के बेहद करीब है। आशंका जताई जा रही है कि कोचियों ने चेकपोस्टों की सख्ती से बचने के लिए इस कम निगरानी वाले ‘अनौपचारिक मार्ग’ का इस्तेमाल किया हो सकता है।
यदि यह दावा सही है, तो यह प्रशासन के लिए बड़ा संकेत है कि अवैध परिवहन रोकने के लिए सिर्फ बड़े रास्तों पर निगरानी पर्याप्त नहीं है।



कोचियों का नया “सिस्टम”: किसानों के घरों में धान छिपाकर भंडारण

सूत्र बताते हैं कि अवैध धान कारोबार में शामिल कुछ बड़े व्यापारी ग्रामीण किसानों के घरों को “सेफ स्टोरेज” की तरह उपयोग करने लगे हैं।
धान को छोटे–छोटे गांवों में फैला कर छिपाकर रखने से न तो एक साथ बड़ी मात्रा दिखती है और न ही चेकिंग में आसानी से पकड़ा जाता है।

बिजना में बरामद धान भी किसी बड़े व्यापारी का हो सकता है, यह संभावना जोर पकड़ रही है।
टीम अब इस पहलू पर भी प्राथमिकता से जांच कर रही है कि—

धान किसने पहुँचाया?

उद्देश्य क्या था?

क्या यह अवैध बिक्री के लिए संग्रहित किया जा रहा था?

क्या इसमें स्थानीय स्तर पर कोई संगठित दलाल नेटवर्क सक्रिय है?




एसडीएम की सख़्त चेतावनी — “किसी भी कीमत पर अवैध गतिविधि नहीं चलने देंगे”

एसडीएम दुर्गा प्रसाद अधिकारी ने एक बार फिर साफ़ किया—

> “सरकार की धान खरीदी नीति को पारदर्शी रखना हमारी प्राथमिकता है। अवैध भंडारण, परिवहन या खरीद–फरोख्त में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। आगे भी इसी तरह की त्वरित कार्रवाई जारी रहेगी।”



लेकिन जनता का सबसे बड़ा सवाल अभी भी जवाब चाहता है—

“जब सीमा पर चेकपोस्ट इतने सख्त हैं, तो 951 बोरी धान चुपचाप कैसे गुजर गया?”

समाचार संकलन: नरेश राठिया

Amar Chouhan

AmarKhabar.com एक हिन्दी न्यूज़ पोर्टल है, इस पोर्टल पर राजनैतिक, मनोरंजन, खेल-कूद, देश विदेश, एवं लोकल खबरों को प्रकाशित किया जाता है। छत्तीसगढ़ सहित आस पास की खबरों को पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़ पोर्टल पर प्रतिदिन विजिट करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button