तमनार में जिंदल फाउंडेशन का नवजात शिशु देखभाल सप्ताह: मातृ–शिशु स्वास्थ्य जागरूकता की मिसाल बनी ग्रामीण महिलाएँ

फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम तमनार।
जिंदल फाउंडेशन एवं जेपीएल तमनार के सामाजिक सरोकार कार्यक्रमों के तहत 15 से 21 नवंबर 2025 तक नवजात शिशु देखभाल सप्ताह मनाया गया। इस दौरान तमनार ब्लॉक के विभिन्न ग्राम—बासनपाली, कोड़केल, तमनार, बेलजोर, छर्राटांगर और रोड़ोपाली में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी ग्रामीण महिलाओं तक पहुँचाई गई। कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं, नवजात बच्चों की माताओं और किशोरियों को वैज्ञानिक एवं सुरक्षित देखभाल के प्रति जागरूक करना रहा। जिंदल द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में परिचर्चा, प्रश्नोत्तरी, गोष्ठी, सलाह–सत्र और विशेष जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य संगिनियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्व–सहायता समूहों और ग्राम स्तरीय स्वयंसेवकों की भागीदारी ने अभियान को सशक्त रूप से आगे बढ़ाया। ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ–शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने पर विशेष जोर दिया गया।

रोड़ोपाली में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में गर्भवती महिलाओं तथा 0 से 2 वर्ष तक के बच्चों की माताओं के साथ व्यापक संवाद सत्र हुआ। यहां स्वास्थ्य संगिनियों एवं आंगनबाड़ी कर्मियों ने महिलाओं को गर्भधारण से पहले की तैयारी, गर्भावस्था के दौरान सावधानियाँ, प्रसव के बाद नवजात शिशु की देखभाल, टीकाकरण, पोषण और मातृ स्वास्थ्य के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान स्वास्थ्य टीम ने कुल 168 माताओं को जागरूक किया। जिंदल फाउंडेशन की वात्सल्य परियोजना के तहत केवल नवंबर माह में 62 नवजात शिशुओं की माताओं को विशेषज्ञ परामर्श एवं काउंसलिंग प्रदान की गई। कार्यक्रम में प्रश्नमंच का आयोजन भी किया गया, जिसमें प्रतिभागी महिलाओं से मातृ–शिशु स्वास्थ्य पर आधारित सवाल पूछे गए और सही उत्तर देने वालों को सम्मानित किया गया। इससे महिलाओं में सीखने और जागरूक होने की उत्सुकता दिखी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सुश्री नीतू सारस्वत ने कहा कि जिंदल फाउंडेशन का मूल उद्देश्य “स्वस्थ माता, स्वस्थ शिशु” की परिकल्पना को धरातल पर उतारना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ एवं नवजात स्वास्थ्य से जुड़े ज्ञान की कमी गंभीर समस्याओं का कारण बनती है, इसलिए ऐसे अभियान अत्यंत आवश्यक हैं।
इसी अवसर पर विभागाध्यक्ष, सीएसआर जेपीएल तमनार श्री ऋषिकेष शर्मा ने अपने संदेश में कहा कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि सामुदायिक भागीदारी से चलने वाली स्वास्थ्य क्रांति है। उन्होंने माताओं को सलाह दी कि समाज में फैली रूढ़िवादिता से दूर रहकर सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं और संस्थागत सेवाओं का लाभ उठाएँ, ताकि स्वस्थ समाज का निर्माण संभव हो सके। अभियान के दौरान विभिन्न ग्रामों में महिलाओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और बच्चों में विशेष उत्साह देखा गया। कार्यक्रम की सफलता में जिंदल फाउंडेशन की सीएसआर टीम, स्वास्थ्य संगिनियों और स्थानीय समूहों का सहयोग महत्वपूर्ण रहा। यह सप्ताह तमनार क्षेत्र में मातृ–शिशु स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हुआ।