टांगरघाट ग्राम पंचायत में आध्यात्मिक सत्संग का अनोखा आयोजन: बाबा जय गुरु देव की अमृतवाणी से उपस्थितजनों का मनोन्मन हुआ, शाकाहार और नशामुक्ति पर जोर

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 30 अगस्त 2025 – छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के तमनार विकासखंड में स्थित ग्राम पंचायत टांगरघाट में आज एक पवित्र आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया, जो क्षेत्रवासियों के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव के रूप में उभरा। यह आयोजन स्थानीय समुदाय को एकजुट करने और नैतिक मूल्यों को मजबूत करने का माध्यम बना, जिसमें रायगढ़ जिला संगत के जिला प्रवक्ता श्री बैरागी राठिया जी के माध्यम से बाबा जय गुरु देव जी की अमृतवाणी सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सत्संग में उपस्थित सैकड़ों भक्तों ने इस अवसर को जीवन में सत्य, अहिंसा और भाईचारे के संदेशों को आत्मसात करने का माध्यम बनाया। कार्यक्रम की सफलता का श्रेय स्थानीय ग्रामवासियों, संगठन के सदस्यों और श्री राठिया जी के प्रेरणादायक संबोधन को जाता है।
टांगरघाट ग्राम पंचायत, जो तमनार तहसील के अंतर्गत आता है, एक शांतिपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र है जहां आदिवासी और ग्रामीण संस्कृति का संगम देखने को मिलता है। यहां के निवासी कृषि, वन उत्पादों और छोटे-मोटे उद्योगों पर निर्भर हैं, लेकिन आध्यात्मिक और सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रमों से वे हमेशा जुड़ते रहे हैं। आज का यह सत्संग इसी परंपरा का हिस्सा था, जो बाबा जय गुरु देव जी की शिक्षाओं पर आधारित था। बाबा जय गुरु देव, जो एक प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु के रूप में जाने जाते हैं, अपनी वाणी के माध्यम से सत्य, शांति और नैतिक जीवनशैली के उपदेश देते रहे हैं। उनकी अमृतवाणी न केवल भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है, बल्कि दैनिक जीवन में व्यावहारिक मार्गदर्शन भी देती है। श्री बैरागी राठिया जी, जो रायगढ़ जिला संगत के प्रवक्ता हैं, ने अपनी मधुर वाणी में बाबा जी के संदेशों को इतनी सहजता से प्रस्तुत किया कि उपस्थित सभी लोग मंत्रमुग्ध हो गए।

कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक भजनों और कीर्तन से हुई, जिसमें स्थानीय कलाकारों और भक्तों ने भाग लिया। श्री राठिया जी ने बाबा जय गुरु देव जी की अमृतवाणी का वाचन किया, जिसमें जीवन के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने उपस्थितजनों से अपील की कि वे शाकाहारी जीवनशैली अपनाएं, क्योंकि यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करता है। नशा सेवन के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हुए कहा गया कि किसी भी प्रकार का नशा – चाहे वह शराब हो, तंबाकू हो या अन्य कोई व्यसन – व्यक्ति को पथभ्रष्ट कर देता है और परिवार व समाज को नष्ट कर देता है। सत्संग में सत्य के मार्ग पर चलने पर विशेष जोर दिया गया। श्री राठिया जी ने कहा, “सत्य ही ईश्वर का स्वरूप है। झूठ और छल से बचें, हमेशा सच्चाई का साथ दें।” इसके अलावा, हिंसा से दूर रहने और भाईचारे का जीवन जीने का संदेश दिया गया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भाईचारा ही समाज की नींव है, और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शांति और समृद्धि आती है।
सत्संग में उपस्थित ग्रामीणों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने इन संदेशों को गहराई से सुना और ताली बजाकर समर्थन किया। कई भक्तों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें जीवन में नई दिशा मिलती है। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “श्री राठिया जी की वाणी सुनकर हमारा मन शांत हो गया। हम अब नशा और हिंसा से पूरी तरह दूर रहेंगे।” कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक प्रार्थना से हुआ, जिसमें सभी ने बाबा जय गुरु देव जी के चरणों में शीश नवाया और आशीर्वाद मांगा। उसके बाद, प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें फल, मिठाई और पवित्र जल शामिल था। प्रसाद ग्रहण करते हुए भक्तों ने एक-दूसरे को बधाई दी और संकल्प लिया कि वे इन सिद्धांतों का पालन करेंगे।

यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक था, बल्कि सामाजिक जागरूकता का भी प्रतीक बना। तमनार क्षेत्र में हाल के वर्षों में ऐसे सत्संगों की संख्या बढ़ी है, जो नशामुक्ति और शाकाहार जैसे मुद्दों पर जागरूकता फैला रहे हैं। ग्राम पंचायत टांगरघाट के सरपंच और स्थानीय नेताओं ने भी इस कार्यक्रम का समर्थन किया, और उम्मीद जताई कि भविष्य में ऐसे और आयोजन होंगे। श्री बैरागी राठिया जी ने समापन पर कहा, “बाबा जय गुरु देव जी के संदेश हर घर तक पहुंचाने का प्रयास जारी रहेगा।”
क्षेत्रवासी इस सत्संग की सराहना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इससे ग्राम पंचायत में सकारात्मक बदलाव आएंगे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति और आध्यात्मिकता का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत करता है।