ढोलनारा में 52 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण का सर्वे पूरा, आपत्तियां मंगवाई गईं

अवैध निर्माण और परिसंपत्तियों की जांच पर सवाल, बजरमुड़ा जैसे हालात
एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी (महाजेंको) को आवंटित गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक के लिए भू-अर्जन प्रक्रिया तेज हो गई है। ढोलनारा गांव में 225 खसरों की 52.078 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण के लिए सर्वे पूरा हो चुका है। एसडीएम घरघोड़ा ने 19 अक्टूबर 2025 तक आपत्तियां मंगवाई हैं। हालांकि, परिसंपत्तियों की जांच और अवैध निर्माण को लेकर स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है। बजरमुड़ा की तर्ज पर ढोलनारा में भी कई अवैध शेड और कॉम्पलेक्स बनाए जाने की शिकायतें सामने आई हैं।
14 गांवों पर भू-अर्जन का असर
गारे पेलमा सेक्टर-2 कोल ब्लॉक में 14 गांवों—लिबरा, डोलेसरा, टिहली रामपुर, पाता, ढोलनारा, मुड़ागांव, चितवाही, झिंकाबहाल, रोड़ोपाली, सारसमाल, कुंजेमुरा, भालूमुड़ा, गारे और सराईटोला —की करीब 2500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। महाजेंको ने इस प्रोजेक्ट का प्रबंधन अडाणी इंटरप्राइजेस को सौंपा है। इन गांवों में कई बाहरी लोगों के नाम जमीनों पर दर्ज हैं, जिसे लेकर कंपनी ने पहले ही शिकायत की थी। पूर्व सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते जमीन दलालों और कुछ अफसरों के गठजोड़ ने बजरमुड़ा जैसे घोटाले को दोहराया है।
रेल लाइन और भू-अर्जन में उलझन
ढोलनारा गांव से होकर गुजरने वाली प्रस्तावित रेल लाइन ने भू-अर्जन प्रक्रिया को और जटिल कर दिया है। कोल ब्लॉक और रेल लाइन के लिए खसरों की ओवरलैपिंग की आशंका बनी हुई है। पहले भी रेलवे ने ढोलनारा में मुआवजा राशि और सर्वे पर आपत्ति जताई थी, जिसे नजरअंदाज कर 36 करोड़ रुपये का अवार्ड पारित किया गया। घरघोड़ा से डोंगामहुआ स्पर लाइन के लिए 2021-22 में हुए परिसंपत्ति आकलन पर भी सवाल उठ रहे हैं।
अवैध निर्माण का मामला
सर्वे में सामने आया है कि ढोलनारा में कई अवैध शेड और कॉम्पलेक्स बनाए गए हैं, जैसा कि बजरमुड़ा में देखा गया था। इन निर्माणों को मुआवजा बढ़ाने के लिए बनाए जाने की आशंका है। महाजेंको ने इसकी शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब भू-अर्जन के लिए परिसंपत्तियों की जांच और सत्यापन पर जोर दिया जा रहा है। एसडीएम घरघोड़ा ने आपत्तियों के लिए समयसीमा तय की है, ताकि दावों और आपत्तियों का निपटारा हो सके।
भू-अर्जन की प्रगति
महाजेंको के 14 गांवों में भू-अर्जन की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से चल रही है। मुड़ागांव में वन भूमि पर भू-प्रवेश की अनुमति के बाद अब ढोलनारा में सर्वे पूरा हुआ है। 52.078 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण का प्रस्ताव प्रकाशित किया गया है। लेकिन जमीनों के छोटे-छोटे टुकड़ों में रजिस्ट्री और बाहरी लोगों के नाम दर्ज होने से प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
ढोलनारा में भू-अर्जन का सर्वे पूरा होने के बावजूद अवैध निर्माण और परिसंपत्तियों की जांच को लेकर असमंजस बरकरार है। बजरमुड़ा जैसे घोटाले की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सख्त सत्यापन और पारदर्शी प्रक्रिया की जरूरत है। आपत्तियों के निपटारे के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि अधिग्रहण प्रक्रिया कितनी निष्पक्ष रही।