जूटमिल पुलिस ने बेंगलुरु से गुमशुदा बालिका को किया दस्तयाब
पुलिस ने बालिका को भगा ले जाने वाले युवक को पॉक्सो एक्ट में भेजा रिमांड पर
रायगढ़ । जिले के जूटमिल क्षेत्र से गुम हुई बालिका को जूटमिल पुलिस ने बेंगलुरु से दस्तयाब कर वापस रायगढ़ लाया। 24 वर्षीय युवक राजकुमार उरांव बालिका को शादी का प्रलोभन देकर भगा ले गया था।
मामले का विवरण:
जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ निवासी बालिका के पिता ने 3 मार्च 2024 को जूटमिल थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई, रिपोर्ट के अनुसार, बालिका रिश्तेदारी में जूटमिल क्षेत्र गई हुई थी। 29 फरवरी 2024 को रिश्तेदारों ने उसे घर जाने के लिए कोड़ातराई से बस में बिठा दिया था, लेकिन वह शाम तक घर नहीं पहुंची। जब उसके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की गई तो वह बंद मिला। रिश्तेदारों और अन्य स्थानों पर पता करने पर भी महिला का कोई पता नहीं चल सका।
पुलिस की कार्रवाई :
बालिका के पिता की रिपोर्ट के आधार पर जूटमिल थाने में अज्ञात आरोपी के खिलाफ अप.क्र. 105/2024 धारा 363 भादवि के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान, महिला के परिजन और सहेलियों से पूछताछ की गई। टीआई जूटमिल मोहन भारद्वाज ने महिला के सोशल मीडिया अकाउंट्स और मोबाइल नंबर की जांच की, जिसमें पता चला कि वह बेंगलुरु के गुट्टाहल्ली मुलबागल में थी।
बेंगलुरु में पुलिस की सघन पतासाजी :
पुलिस अधीक्षक से अनुमति प्राप्त कर जूटमिल पुलिस की एक टीम को बेंगलुरु भेजा गया। वहां गुम बालिका और संदिग्ध राजकुमार की सघन पतासाजी की गई। 13 सितंबर 2024 को संदिग्ध राजकुमार को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि बालिका उसके साथ है। बालिका को दस्तयाब कर रायगढ़ लाया गया। बालिका अधिकारी ने उसका विधिवत बयान लिया, जिसमें बालिका ने बताया कि राजकुमार उसे शादी का झांसा देकर बेंगलुरु ले गया था। जहां शारीरिक संबंध बनाया। प्रकरण में धारा 366, 376(2)(D) आईपीसी, 6 पॉक्सो एक्ट जोड़ा गया और पीड़िता और अभियुक्त का मेडिकल जांच कराया गया । आरोपी राजकुमार उरांव (27 साल) जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ के कृत्य पर आज उसे गिरफ्तार का न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।
पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग कुमार पटेल के दिशा निर्देशन एवं एडिशनल एसपी श्री आकाश मरकाम, सीएसपी आकाश शुक्ला के मार्गदर्शन पर गुम बालिका की पतासाजी और आरोपित की गिरफ्तारी में निरीक्षक मोहन भारद्वाज, प्रधान आरक्षक रामनाथ बनर्जी, दिलदार कुरैशी, आरक्षक नरेश रजक और महिला आरक्षक देव कुमारी भारते की अहम भूमिका रही जिन्होंने बालिका की सुरक्षित दस्तयाबी और आरोपी की गिरफ्तारी से यह मामला सुलझया ।