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जानकी कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही से भटके परीक्षार्थी, 2–3 मिनट देरी पर परीक्षा से वंचित

परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में मशक्कत, बोर्ड न होने से ओडिशा सीमा तक भटके अभ्यर्थी


फ्रीलांस एडिटर अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ जिले के धनुहारडेहरा एकताल स्थित जानकी कॉलेज में आज पटवारी परीक्षा के दौरान प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई। परीक्षा स्थल पर दिशा-निर्देश, बोर्ड या कॉलेज का नाम तक स्पष्ट रूप से नहीं लगा होने के कारण सैंकड़ों परीक्षार्थी इधर-उधर भटकते रहे। कई अभ्यर्थी गांवों की गलियों में मार्ग तलाशते घूमते रहे, तो कुछ अनजान रास्तों पर भटकते हुए ओडिशा सीमा तक पहुंच गए। परीक्षा केंद्र की पहचान न होना अभ्यर्थियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी साबित हुई।

कई परीक्षार्थियों को काफी मशक्कत के बाद जब सही स्थान मिला, तब तक वे केवल 2–3 मिनट की देरी से पहुंचे थे। बावजूद इसके, केंद्र प्रबंधन ने किसी भी तरह की मानवीय संवेदना दिखाने से इनकार कर दिया। अभ्यर्थियों ने बार-बार निवेदन किया कि उनकी देरी कॉलेज की लापरवाही के कारण हुई है, लेकिन प्रबंधन ने उनकी एक न सुनी और उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश तक नहीं दिया गया।

पीड़ित परीक्षार्थियों ने कहा कि परीक्षा देने आए युवाओं के भविष्य से इस तरह खिलवाड़ करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से कॉलेज प्रशासन की है, जिसने न तो बोर्ड लगाया, न गाइडलाइन, न कोई सहयोगी स्टाफ तैनात किया। सवाल यह उठता है कि इस गैरजिम्मेदारी की जवाबदेही कौन लेगा?
क्या जानकी कॉलेज प्रबंधन, जो अपने ही संस्थान का एक बोर्ड लगाने में नाकाम रहा? या फिर वे अधिकारी, जिनके भरोसे यह परीक्षा व्यवस्था सौंपी गई थी?

परीक्षार्थियों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच हो और लापरवाह प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसे हालात दोबारा न पैदा हों।

समाचार सहयोगी हिमांशु चौहान

Amar Chouhan

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