“जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए एकजुट हुआ रायगढ़: तमनार में सामुदायिक वन अधिकार के तहत वृक्षारोपण का संकल्प”

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 20 जून 2025: पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए रायगढ़ जिले के तहसील तमनार के ग्राम पंचायत सराईटोला, मूड़ा गांव, पाता गारे, और कुजेमूरा गांव के ग्रामीणों ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। आज, 20 जून 2025 को इन गांवों में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जल, जंगल, और जमीन को बचाने के लिए सामुदायिक वन अधिकार के तहत प्राप्त भूमि पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इस पहल ने न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति ग्रामीणों की प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि सामुदायिक एकता और जनभागीदारी का एक शानदार उदाहरण भी प्रस्तुत किया।
बैठक में प्रमुख हस्तियों की भागीदारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में लैलूंगा विधायक श्रीमती विद्यावती सिदार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उनके साथ सराईटोला के सरपंच श्री अमृत भगत, गारे के सरपंच श्री श्याम लाल राठिया, और भारी संख्या में ग्रामीण महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने जल, जंगल, और जमीन के संरक्षण को अपनी प्राथमिकता बताते हुए पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार किया।
सामुदायिक वन अधिकार और वृक्षारोपण का संकल्प
बैठक में सामुदायिक वन अधिकार (Community Forest Rights) के तहत प्राप्त भूमि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण के लिए करने पर जोर दिया गया। ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस भूमि पर विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, जो न केवल पर्यावरण को संतुलित रखेंगे, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसर भी प्रदान करेंगे। वृक्षारोपण के लिए फलदार और छायादार वृक्षों को प्राथमिकता देने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि दीर्घकालिक लाभ प्राप्त हो सके। यह निर्णय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के दिशानिर्देशों के अनुरूप भी है, जिसमें ग्रामीण सड़कों के किनारे वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा जैसी योजनाओं का उपयोग किया जा सकता है।
ग्रामीणों की उत्साहपूर्ण भागीदारी
इस बैठक में ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों की भारी भागीदारी ने इस पहल को और मजबूती प्रदान की। महिलाओं ने विशेष रूप से वृक्षारोपण और उनकी देखभाल में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया। सरपंच अमृत भगत ने कहा, “हमारी जमीन, जंगल, और जल हमारी धरोहर हैं। इन्हें बचाना हमारा कर्तव्य है, और वृक्षारोपण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” वहीं, गारे के सरपंच श्याम लाल राठिया ने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस अभियान को एक जनांदोलन का रूप दें।
**विधायक विद्यावती सिदार का प्रेरक संदेश**
लैलूंगा विधायक श्रीमती विद्यावती सिदार ने इस अवसर पर ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा, “पर्यावरण हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। वृक्षारोपण न केवल हमारे जंगल और जल को बचाएगा, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा भविष्य भी सुनिश्चित करेगा।” उन्होंने ग्रामीणों के इस प्रयास की सराहना की और इसे अन्य गांवों के लिए एक प्रेरणा बताया। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस अभियान को और मजबूत करने के लिए प्रशासनिक और सरकारी स्तर पर हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
आगे की योजना और अपील
बैठक में यह भी तय किया गया कि वृक्षारोपण के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी, जिसमें स्थानीय स्तर पर उपलब्ध संसाधनों और मनरेगा जैसी योजनाओं का उपयोग किया जाएगा। ग्रामीणों ने यह भी प्रस्ताव रखा कि वृक्षारोपण के बाद पेड़ों की नियमित देखभाल और संरक्षण के लिए समितियां गठित की जाएंगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय युवाओं और महिलाओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित करने की योजना भी बनाई गई।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर
यह बैठक और इसमें लिया गया वृक्षारोपण का निर्णय रायगढ़ जिले में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। सामुदायिक वन अधिकार के तहत प्राप्त भूमि का उपयोग न केवल पर्यावरण को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए आर्थिक और सामाजिक लाभ भी सुनिश्चित करेगा। इस पहल ने यह साबित कर दिया कि जब समुदाय एकजुट होकर काम करता है, तो बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है।
यह खबर न केवल तमनार के ग्रामीणों की एकता और पर्यावरण के प्रति उनकी जागरूकता को दर्शाती है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण भी प्रस्तुत करती है। ग्रामीणों का यह संकल्प आने वाले समय में जल, जंगल, और जमीन के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देगा।