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छाल रेंज में बाघ की मौजूदगी से अलर्ट, वन विभाग ने उठाए मानव सुरक्षा के लिए सख्त कदम

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में बाघ के पदचिह्न मिलने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। हाटी बीट के जंगल में बाघ की मौजूदगी के संकेत मिलने के बाद वन विभाग ने मानव सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। ग्रामीणों को जंगल में अकेले न जाने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है, साथ ही बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैप कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है।

हाटी गांव के ग्रामीणों ने जंगल में बाघ के पंजों के निशान देखे, जिसके बाद उन्होंने तुरंत हाथी मित्र दल और वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग की टीम, जिसमें छाल रेंजर, हाटी डिप्टी रेंजर, और अन्य कर्मचारी शामिल हैं, ने पदचिह्नों की ट्रैकिंग शुरू कर दी है। विभाग का अनुमान है कि यह बाघ अचानकमार जंगल से होते हुए कोरबा जिले के कुदमुरा रेंज, तेंदुमुड़ी, कोकदार, और फिर धरमजयगढ़ रेंज के साम्हरसिंघा पहाड़ की ओर बढ़ा हो सकता है।

मानव सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं: 
ट्रैप कैमरे: बाघ की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए हाटी बीट के जंगल में ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं, ताकि उसकी सटीक स्थिति और मूवमेंट का पता लगाया जा सके। 
अलर्ट जारी: आसपास के गांवों (हाटी, बोजिया, औरानारा, साम्हरसिंघा) के लोगों को जंगल में अकेले न जाने, बच्चों को बाहर खेलने से रोकने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने की हिदायत दी गई है। 
निगरानी टीमें: धरमजयगढ़ डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि तीन विशेष टीमें गठित की गई हैं, और एसडीओ बालगोविंद को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। कोरबा से विशेषज्ञों की एक टीम भी जांच के लिए बुलाई गई है। 
नियमित गश्त: वन कर्मियों को क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बाघ की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा सके। 

ग्रामीणों में दहशत, सतर्कता जरूरी
छाल रेंज पहले से ही हाथियों की आवाजाही के लिए जानी जाती है, और अब बाघ की मौजूदगी ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। मवेशी चराने वाले चरवाहों ने जंगल जाना बंद कर दिया है, और कई किसान खेतों में अकेले काम करने से बच रहे हैं। वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और रात के समय जंगल के आसपास न जाएं। 

वन विभाग की रणनीति
डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि एक पहाड़ी कोरवा द्वारा बाघ के पदचिह्न देखे जाने की सूचना मिली थी, जिसे गंभीरता से लिया गया है। बाघ की मौजूदगी की पुष्टि होने पर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभाग का मानना है कि यह बाघ संभवतः अचानकमार टाइगर रिजर्व से भटककर इस क्षेत्र में पहुंचा हो।

सुरक्षा के लिए अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से अनुरोध किया है कि वे जंगल में अनावश्यक प्रवेश से बचें, मवेशियों को सुरक्षित रखें और किसी भी असामान्य गतिविधि की जानकारी तुरंत वन कर्मियों को दें। यह कदम न केवल मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए उठाए गए हैं, बल्कि क्षेत्र में वन्यजीवों की विविधता को संरक्षित करने के लिए भी महत्वपूर्ण हैं.

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Amar Chouhan

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