छत्तीसगढ़ में बारिश का कहर: अगले 12 घंटे में रायगढ़ समेत 17 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट! बिजली, जलभराव और आपदा से बचने के लिए सावधान!
सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायपुर, 24 जुलाई 2025: छत्तीसगढ़ में मानसून ने अपनी पूरी ताकत दिखानी शुरू कर दी है। मौसम विभाग ने अगले 12 से 24 घंटों के लिए रायगढ़ सहित प्रदेश के 17 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट और 11 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के कारण बारिश की तीव्रता बढ़ने वाली है। यह बारिश सिर्फ पानी की बौछार नहीं, बल्कि बिजली गुल, जलभराव, आकाशीय बिजली और तेज हवाओं का खतरा लेकर आ रही है। रायगढ़ में हालात और गंभीर हो सकते हैं, जहां बिजली की लगातार कटौती और जल निकासी की खराब व्यवस्था हर बारिश को मुसीबत में बदल देती है।
यह सिर्फ बारिश नहीं, आपदा की आहट है!
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 12 घंटों में रायगढ़, बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, धमतरी, बालोद, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, गरियाबंद, महासमुंद, जांजगीर-चांपा, कोरबा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, बेमेतरा, कबीरधाम, मुंगेली, सुरगुजा, सूरजपुर और कोरिया में भारी बारिश के साथ 30-40 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं भी संभावित हैं। हाल ही में सरगुजा में बिजली गिरने से तीन लोगों की मौत और दुर्ग में तेज बहाव में दो बच्चों के बहने की घटना ने खतरे की गंभीरता को उजागर कर दिया है।
रायगढ़: बारिश के साथ अंधेरा और जलभराव का डर
रायगढ़ के लिए बारिश का मतलब सिर्फ पानी नहीं, बल्कि बिजली गुल होने और गलियों में पानी का सैलाब है। बीती रात शहर के कई इलाकों जैसे इंदिरा नगर, रामसागरपारा, कोसीपाली और चक्रधर नगर में 5-6 घंटे बिजली गायब रही। सड़कों और गलियों में जलभराव ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया। स्थानीय लोग शिकायत कर रहे हैं कि नालियों की सफाई और ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत जैसी बुनियादी तैयारियां नदारद हैं। अगर प्रशासन ने तुरंत कदम नहीं उठाए, तो यह बारिश रायगढ़ के लिए भयावह स्थिति पैदा कर सकती है।
मौसम विज्ञान की चेतावनी: कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है
मौसम विज्ञान केंद्र, रायपुर के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में अगले 24 घंटों में एक चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जो 48 घंटों में कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो सकता है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, रोहतक, लखनऊ, वाराणसी, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, कॉटई से होते हुए उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक फैली है। इसके साथ ही दक्षिण छत्तीसगढ़ और झारखंड के आसपास ऊपरी हवा में चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है, जो बारिश की तीव्रता को और बढ़ाएगा।
सावधानियां जो आपको अपनानी हैं
इस बारिश को हल्के में न लें। यह सिर्फ मौसम की मार नहीं, बल्कि जीवन और संपत्ति के लिए खतरा है। निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
1. बिजली से संबंधित सावधानियां:
– मोबाइल, टॉर्च, इन्वर्टर और पावर बैंक को पूरी तरह चार्ज रखें।
– बिजली के खंभों, खुले तारों, या पेड़ों के नीचे खड़े न हों।
– आकाशीय बिजली से बचने के लिए खुले मैदानों से दूर रहें और घर के अंदर रहें।
2. जलभराव से बचाव:
– बच्चों को जलभराव वाले इलाकों से दूर रखें।
– तेज बहाव वाले नाले, नदियों या सड़कों पर बने पानी से दूर रहें।
– घर में पानी घुसने की स्थिति में बिजली के मेन स्विच को तुरंत बंद करें।
3. यात्रा और सुरक्षा:
– गैर-जरूरी यात्रा से बचें, खासकर रात में।
– सड़कों पर पानी जमा होने की स्थिति में वाहन धीरे चलाएं।
– प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर हमेशा अपने पास रखें।
4. स्वास्थ्य और आपातकालीन तैयारी:
– दवाइयों का स्टॉक रखें, खासकर अगर परिवार में कोई बीमार या बुजुर्ग है।
– पीने के पानी को उबालकर या फिल्टर करके उपयोग करें।
– आपातकालीन किट तैयार रखें, जिसमें टॉर्च, बैटरी, प्राथमिक चिकित्सा सामग्री और जरूरी दस्तावेज शामिल हों।
विभागों के लिए चेतावनी: तुरंत एक्शन लें
इस बारिश को आपदा में बदलने से रोकने के लिए निम्नलिखित विभागों को तुरंत कदम उठाने होंगे:
1. विद्युत विभाग:
– रायगढ़ और अन्य प्रभावित जिलों में बिजली कटौती को न्यूनतम करें।
– ट्रांसफॉर्मर और बिजली लाइनों की मरम्मत और रखरखाव तुरंत करें।
– आपातकालीन बिजली बहाली टीमें 24×7 तैयार रखें और लोगों को सूचित करें।
– आकाशीय बिजली से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाएं।
2. स्वास्थ्य विभाग:
– सभी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं सुनिश्चित करें।
– जलजनित बीमारियों (जैसे डेंगू, मलेरिया, दस्त) से बचाव के लिए दवाइयों का स्टॉक और मच्छर निरोधक उपायों को लागू करें।
– बाढ़ प्रभावित इलाकों में मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात करें।
3. आपदा प्रबंधन विभाग:
– जलभराव वाले क्षेत्रों में नाव और बचाव दल तैनात करें।
– निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की व्यवस्था करें।
– हेल्पलाइन नंबर और आपातकालीन संपर्क जानकारी को व्यापक रूप से प्रचारित करें।
– नालियों और नदियों की सफाई को प्राथमिकता दें ताकि जल निकासी में रुकावट न आए।
4. नगर निगम और स्थानीय प्रशासन:
– रायगढ़ जैसे शहरों में नालियों की तत्काल सफाई करें।
– जलभराव वाले क्षेत्रों में पंप लगाकर पानी निकासी की व्यवस्था करें।
– सड़कों पर जमा पानी को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई करें।
लोगों से अपील: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
यह बारिश छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ा इम्तिहान है। रायगढ़ जैसे शहर, जहां बिजली और जल निकासी की समस्या पहले से ही गंभीर है, वहां हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी, लेकिन नागरिकों को भी सतर्कता बरतनी होगी। बारिश के इस मौसम में एक-दूसरे का सहयोग करें, पड़ोसियों की मदद करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासन से संपर्क करें।
आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर:
– रायगढ़ जिला प्रशासन: [यहां स्थानीय हेल्पलाइन नंबर डालें]
– छत्तीसगढ़ आपदा प्रबंधन: 0771-2223471
– राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन: 1078
यह बारिश का मौसम है, लेकिन लापरवाही इसे आपदा में बदल सकती है। सावधानी बरतें, सुरक्षित रहें!