शेड निर्माण मामले में 6 किसानो को एसडीएम धरमजयगढ़ ने थमाया नोटिस! नोटिस के खिलाफ किसान पहुंचा हाईकोर्ट!!

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़ जिले में मुआवाजा के नाम पर खुलकर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके कारण शासन को करोड़ों का नुकशान हुआ है, मुआवाजा गोलमाल मामले में कई अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्यवाही भी हुआ है। किसान अधिक मुआवाजा पाने के चक्कर में भू-अर्जन प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी कृषि भूमि को बिना व्यपवर्तन किये व्यवासयिक प्रयोजन हेतु गोदाम, मुर्गी फार्म जैसे कई निर्माण किया गया। अधिकारी-सब जानते हुए भी मुआवाजा बनाया गया जिससे शासन को करोड़ों का राजस्व क्षति हुआ है। धरमजयगढ़ में भी किसान अपने खेत में शेड निर्माण किया है, लोगों का मानना है कि किसान अधिक मुआवाजा पाने के चक्कर में शेड निर्माण किया जा रहा है। एसडीएम धरमजयगढ़ ने किसानों की शेड निर्माण को अवैध बताते हुए शेड को तोडऩे का नोटिस दिया है। एसडीएम राजस्व ने अपने नोटिस में उल्लेख किया है कि भारत का राजपत्र सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अधिसूचना नई दिल्ली, 23 सितम्बर 2021 का.आ. 3941 (अ) केन्द्रीय सरकार राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956 (1956 का 48) (जिसे इसमें इराके पश्चात् उक्त अधिनियम कहा गया है) की धारा 3 क की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह समाधान हो जाने के पश्चात् कि छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग क्र. 130 अ कि.मी. 106. 360 से कि.मी. 145. 450 (उरगा पत्थलगांव खण्ड) तक के भू-खण्ड के निर्माण (चौडीकरण / पेव्ड शोल्डर सहित 2-लेन, 4-लेन का बनाना आदि) का राजपत्र में प्रकाश न किया गया है जिसमें ग्राम बायसी कॉलोनी स्थित खसरा नंबर 156 भारत माला परियोजना में प्रभावित हो चुका है। छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन, नया रायपुर अटल नगर का पत्र कमांक 2801/2024/ सा-1 नया रायपुर अटल नगर दिनंक 14 अक्टूबर 2024 में जारी पत्र कंडिका 01 जिसके अनुसार अर्जन की प्रक्रिया हेतु अपेक्षक निकाय से प्राप्त प्रस्ताव या अर्जन की प्रक्रिया में जारी किसी अधिसूचना या खनन के लिए जारी किसी आशय पत्र के अधीन भूमि का व्यपवर्तन नहीं किया जावेगा। चूकि वादभूमि भातरतमाला में वाद भूमि प्रस्तावित भूमि है अत: ऐसी दशा में वाद भूमि का व्यपवर्तन नहीं किया जा सकता। आपके द्वारा अधिसूचना जारी होने के पश्चात प्रस्तावित खण्ड नं. 156/1 पर सक्षम अधिकारी से अनुमति लिये बिना निर्माण कार्य किया गया है जो कि पूर्ण रूप से अवैध है। कृषि भूमि में गैर कृषि कार्य किया जा रहा है। उक्त भूमि में निर्मित संरचना को दिनाक 28/08/2025 तक हटाकर पालन प्रतिवेदन मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। कथित कालावधि के भीतर वाद भूमि में निर्मित संरचना को स्वमेव नहीं हटाने की स्थिति में युक्तियुक्त उपाय कर वाद भूमि से संरचना को हटाया जायेगा और निर्मित संरचना हटाने में हुए खर्च का लागत आपसे वसूल किया जायेगा जिसके लिये आप स्वंय जिम्मेदार होंगें।
नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर
खेत मालिकों ने एसडीएम के नोटिस को चुनौति देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर किया है, किसानों का आरोप है कि उक्त भूमि भारतमाला परियोजना में आ रहा है कि नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया है कि उक्त भूमि किसी परियोजना में आ रहा है, भू-अर्जन हेतु अधिसूचना जारी होने के बाद उक्त भूमि को किसी भी प्रकार का कोई परिवर्तन, निर्माण या बटंकन नहीं किया जाता है। जिस किसानों को नोटिस दिया गया है उस भूमि पर अभी तक कोई भू-अर्जन अधिसूचना जारी नहीं हुआ है, ऐसे में अधिकारी द्वारा दिया गया नोटिस नियम विरूद्ध है।
6 किसानो को ही नोटिस क्योंं?
वहीं नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है कि बायसी, मेडरमार में बहुत सारे किसान अपने खेत में शेड निर्माण किया है, लेकिन अधिकारी चुनकर सिर्फ 6 किसान को ही नोटिस जारी किया है। जबकि जितने भी शेड निर्माण हुआ है सभी शेड कृषि भूमि को बिना व्यवासयिक व्यपवर्तन किये ही शेड का निर्माण किया है, अगर नोटिस जारी करना ही था तो सभी शेड निर्माण करने वालों को करना था।