छत्तीसगढ़ के लोक संगीत का अर्जुन, प्रेम आनंद चौहान असमय चले गए

थाना मुंगेली मोर जिला बिलासपुर अचानकपुर मोर गाँव बीच चौराहा मा पीपल के छैहाँ प्रेम आनंद मोर नाम.. इस गाने से से पाई थी पहचान
एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम मुंगेली, छत्तीसगढ़ — छत्तीसगढ़ी भक्ति संगीत के अमर हस्ताक्षर, मुंगेली के सुप्रसिद्ध लोक गायक प्रेम आनंद चौहान का 12 अक्टूबर 2025 को अकस्मात निधन हो गया। जीवन के मात्र 36 वसंतों में उन्होंने संगीत के माध्यम से अपने क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और आस्था को जन-जन तक पहुँचाने का अनमोल योगदान दिया। उनके इंतकाल की खबर ने न केवल मुंगेली जिले बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में शोक की लहर फैला दी है।
प्रेम आनंद चौहान अपने मधुर स्वरों और भावपूर्ण गायन के लिए जाने जाते थे। ‘शक्ति माई मुंगेली’, ‘सेतगंगा मेला’ जैसे उनके भक्ति गीत आज भी लोक के दिलों में गूंजते हैं। जन्मस्थान अचानकपुर गांव से निकले इस गायक ने अपनी सरलता, लोकभाषा की मिठास और भक्ति के गहरे रंगों से संगीत प्रेमियों के मन को छू लिया। उनका संगीत श्रोताओं के लिए केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव था।
अचानक स्वास्थ्य गिरावट के कारण उनका यह जाना बहुत बड़ा धक्का है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वह अचानक अस्वस्थ हुए और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है की एक सड़क हादसे के दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हुई है उनके परिवार, समर्थक और संगीत सम्राटों के बीच इस खबर ने गहरा सदमा उत्पन्न कर दिया है। मुंगेली के अनेक कलाकारों और भजन मंडलियों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि प्रेम आनंद जैसे कलाकार बार-बार जन्म नहीं लेते।
उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव अचानकपुर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन और सांस्कृतिक संगठन भी शोक व्यक्त करते हुए उनके संगीत योगदान को अमर बनाए रखने का संकल्प लिया।
प्रेम आनंद चौहान के असामयिक निधन से छत्तीसगढ़ी लोक संगीत की एक अनमोल धरोहर खो गई। यह संगीत जगत के लिए बड़ा नुकसान है, लेकिन उनके गीत और आवाज़ सदैव जीवंत रहेंगे, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।