छत्तीसगढ़ का स्वर्ण द्वार खुला: सिर्फ 12 महीनों में बनी राज्य की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग, विकास के नए युग की शुरुआत

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ के विकास इतिहास में आज एक स्वर्णाक्षरी अध्याय जुड़ गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने मात्र 12 महीनों में राज्य की पहली राष्ट्रीय राजमार्ग सुरंग का निर्माण कार्य पूरा कर एक नई मिसाल कायम की है।
2.79 किलोमीटर लंबी यह इंजीनियरिंग उपलब्धि न केवल तकनीकी दृष्टि से अद्वितीय है, बल्कि प्रदेश के आर्थिक, औद्योगिक और पर्यटन विकास के लिए भी एक मजबूत आधार बनेगी।
रायपुर–विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे का नया पड़ावयह सुरंग

रायपुर–विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे (NH-130CD) का हिस्सा है, जिसे NHAI की अभनपुर परियोजना इकाई ने कार्यान्वित किया है। आधुनिक ट्विन-ट्यूब डिजाइन पर आधारित यह टनल पूर्ण तैयार होने के बाद छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच यातायात का नया जीवनमार्ग बनेगी।
परियोजना इंजीनियरों के अनुसार, इस सुरंग से यात्रा की अवधि में उल्लेखनीय कमी आएगी और मालवहन क्षमता बढ़ने से व्यापारिक गतिविधियाँ और अधिक सुगम होंगी। यह गलियारा देश के पूर्वी औद्योगिक तट व छत्तीसगढ़ के औद्योगिक हब को आपस में और मजबूत जोड़ेगा।मुख्यमंत्री ने जताई प्रसन्नता, दी बधाईमुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कहा, “यह टनल समृद्ध और स्वावलंबी छत्तीसगढ़ की दिशा में एक मील का पत्थर है।” उन्होंने इसे प्रदेश की प्रगति की रीढ़ बताते हुए कहा कि सड़क एवं परिवहन अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण ही प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक जीवनरेखा है।

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी तथा NHAI की तकनीकी टीम को इस अद्भुत निर्माण के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को मूर्त रूप देने में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।व्यापार और पर्यटन को मिलेगा प्रोत्साहनविशेषज्ञों के अनुसार, यह सुरंग न सिर्फ औद्योगिक परिवहन को गति देगी, बल्कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन के भी नए अवसर खोलेगी। पहाड़ी और वन क्षेत्र से गुजरती यह टनल प्राकृतिक पर्यटन स्थलों तक पहुँच को आसान करेगी। इस क्षेत्र में नए होटल, ट्रांजिट पॉइंट्स और व्यापारिक केंद्रों की संभावनाएँ अब और बढ़ेंगी।12 महीनों में बना “इंजीनियरिंग का चमत्कार”तकनीकी दृष्टि से देखा जाए तो 2.79 किमी लंबी इस टनल का निर्माण मात्र 12 महीनों में पूरा होना अपने आप में एक असाधारण उपलब्धि है। परियोजना प्रबंधन, आधुनिक मशीनरी और अभियंताओं की विशेषज्ञता ने कठिन स्थलाकृति को चुनौती देते हुए इस कार्य को समय से पहले पूरा किया। यह भारत की सड़क निर्माण गति और निष्पादन क्षमता की एक और मिसाल है।नया युग, नई राहेंयह सुरंग छत्तीसगढ़ के लिए केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि विकास, प्रगति और आत्मनिर्भरता की ओर खुलता हुआ द्वार है। यह परियोजना न सिर्फ राज्य की भौगोलिक सीमाओं को जोड़ रही है, बल्कि उसके आर्थिक सपनों को भी साकार करने की दिशा में निर्णायक कदम सिद्ध होगी।