छत्तीसगढ़ का ‘चित्रकूट धाम’: पेंड्रवां की पहाड़ियों में लगता है दिव्य दरबार, पर्चे से बताते हैं भविष्य — पंडित अजय उपाध्याय बन रहे आस्था के केंद्र

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम शक्ति (छत्तीसगढ़)।
जहां एक ओर देशभर में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री अपने दिव्य दरबार और पर्चा दर्शन के लिए प्रसिद्ध हैं, वहीं छत्तीसगढ़ की धरती पर भी अब आस्था का एक नया केंद्र तेजी से उभर रहा है। शक्ति जिले के पेंड्रवां (अमलीडीहा) की शांत और हरित पहाड़ियों में स्थित चित्रकूट धाम आज श्रद्धालुओं की अटूट भक्ति का प्रतीक बन चुका है। यहाँ विराजमान हैं पंडित अजय उपाध्याय, जिन्हें भक्तजन प्रेम से “बाबा चित्रकूट धाम वाले” के नाम से पुकारते हैं।

पहाड़ियों में बसा दिव्य धाम
अमलीडीहा की प्राकृतिक सुंदरता से घिरी पहाड़ियों में स्थित हनुमान जी का प्राचीन मंदिर अब श्रद्धा और अध्यात्म का तीर्थस्थल बन चुका है। हर मंगलवार से शनिवार तक यहाँ सुबह से शाम तक दिव्य दरबार सजता है। घंटियों की गूंज, भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार और पर्चा दर्शन की दिव्य प्रक्रिया के बीच भक्तों की लंबी कतारें मंदिर परिसर में देखी जा सकती हैं।

दिव्य पर्चा दर्शन से करते हैं भविष्यवाणी
हनुमान जी और माँ संतोषी जी के सिद्ध उपासक पंडित अजय उपाध्याय अपने विशेष “पर्चा दर्शन” के माध्यम से भक्तों के भूत, वर्तमान और भविष्य का सटीक ब्योरा बताते हैं। वे न केवल बीती घटनाओं का खुलासा करते हैं, बल्कि आने वाले जीवन को सुखमय बनाने के उपाय भी बताते हैं। श्रद्धालु बताते हैं कि “पंडित जी के बताए उपायों से जीवन की कठिनाइयाँ सचमुच दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।”

भक्तों की भीड़ और अटूट आस्था
चित्रकूट धाम में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुँचते हैं। न केवल शक्ति, रायगढ़, जांजगीर और रायपुर जिलों से, बल्कि ओडिशा, झारखंड और मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में भक्तजन यहाँ आते हैं। मन्नतें मांगने, अर्जियाँ लगाने और जीवन की समस्याओं के समाधान की आस लेकर लोग इस पवित्र स्थल की शरण में पहुँचते हैं।

हिन्दू राष्ट्र और सनातन धर्म का संदेश
पंडित अजय उपाध्याय केवल आस्था और भक्ति के प्रचारक ही नहीं, बल्कि सनातन धर्म और हिन्दू राष्ट्र की भावना के संवाहक भी हैं। अपने प्रवचनों में वे कहते हैं —
> “भक्ति, सत्य और सेवा से ही जीवन का कल्याण संभव है।”
उनका मानना है कि अध्यात्म केवल पूजा नहीं, बल्कि जीवन जीने का मार्ग है।

गुरूदेव अजय उपाध्याय — मानव कल्याण के प्रेरक
छत्तीसगढ़ की पावन भूमि से जुड़े श्रद्धेय गुरूदेव अजय उपाध्याय जी मानव कल्याण और सत्य सनातन धर्म की सेवा में निरंतर योगदान दे रहे हैं। बताया जाता है कि उन्होंने चित्रकूट से दिव्य शक्तियाँ प्राप्त कीं और अब शक्ति जिले के ग्राम पंडरवा स्थित हनुमान मंदिर में भक्तों की सेवा में समर्पित हैं।
गुरूदेव को माँ संतोषी और हनुमान जी का सिद्ध गुरु माना जाता है। उनके दिव्य आशीर्वाद से असंख्य श्रद्धालु जीवन की कठिनाइयों से मुक्त होकर सुख-समृद्धि प्राप्त कर रहे हैं।

आस्था का बढ़ता केंद्र
जिस तरह बागेश्वर धाम मध्यप्रदेश में श्रद्धा का केंद्र बना, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ में चित्रकूट धाम पेंड्रवां आज भक्तिभाव और विश्वास का प्रतीक बनता जा रहा है।
पहाड़ों की गोद में बसा यह धाम न केवल अध्यात्म का स्थल है, बल्कि उस आस्था का जीवंत प्रतीक है जहाँ हर भक्त अपने मन की बात भगवान से कहता है — और उत्तर पर्चे में पाता है।

समाचार सहयोगी वीरेंद्र डहरिया की रिपोर्ट