चोटिगुड़ा हत्या कांड: विद्वान न्यायालय ने हत्यारे को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
तत्कालीन थाना प्रभारी अमित सिंह की सटीक विवेचना से पीड़ित परिवार को मिला न्याय

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़/घरघोड़ा, 15 जुलाई 2025: ग्राम पंचायत चोटिगुड़ा में 21 जनवरी 2022 को हुई उमेश राठिया की वीभत्स हत्या के मामले में विद्वान जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायालय, रायगढ़ ने आरोपी संजय मिश्रा को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस जघन्य अपराध की जांच में तत्कालीन थाना प्रभारी अमित सिंह की तत्पर और निष्पक्ष विवेचना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप पीड़ित परिवार को न्याय मिला।
मामले का विवरण:
घटना 21 जनवरी 2022 की है, जब नशे की लत में डूबे आरोपी संजय मिश्रा ने चोटिगुड़ा चौक पर उमेश राठिया पर धारदार हथियार (बिधना) से हमला किया। नाभि के पास गहरे वार के कारण उमेश की मौके पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई। इस हत्याकांड ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी। हत्या के बाद आरोपी फरार होने की कोशिश में था, लेकिन घरघोड़ा थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की जांच और कार्यवाही:
घरघोड़ा थाने में अपराध क्रमांक 15/22 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया। तत्कालीन थाना प्रभारी अमित सिंह ने एसडीओपी सुशील नायक के मार्गदर्शन में जांच को गंभीरता से लिया। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किए, गवाहों के बयान दर्ज किए और तकनीकी प्रमाणों को व्यवस्थित रूप से संकलित किया। जांच पूरी होने के बाद पुलिस ने पुख्ता साक्ष्यों के साथ मामला विद्वान न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।
न्यायालय का फैसला:
विद्वान जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अभिषेक शर्मा की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। शासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश सिंह ठाकुर ने प्रभावशाली पैरवी की। गवाहों के बयान, तकनीकी साक्ष्य और पुलिस की ठोस विवेचना के आधार पर न्यायालय ने संजय मिश्रा को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत हत्या का दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
पीड़ित परिवार की प्रतिक्रिया:
फैसले की खबर मिलने पर मृतक उमेश राठिया के परिजनों की आँखें आंसुओं से छलक उठीं। उन्होंने तत्कालीन थाना प्रभारी अमित सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया, जिनकी सटीक और निष्पक्ष जांच ने इस मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचाया। परिजनों ने कहा कि यह फैसला उनकी वर्षों की पीड़ा को कुछ हद तक कम करने में सफल रहा है।
अमित सिंह की भूमिका और सामाजिक प्रभाव:
तत्कालीन थाना प्रभारी अमित सिंह की कर्तव्यनिष्ठा और नशा-मुक्त समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें घरघोड़ा क्षेत्र में एक समर्पित पुलिस अधिकारी के रूप में स्थापित किया था। उनकी जांच में सतर्कता, गंभीरता और विवेक ने न केवल इस मामले में न्याय सुनिश्चित किया, बल्कि क्षेत्र के लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास भी जगाया। ग्रामीण आज भी उनके कार्यकाल को सम्मान और गर्व के साथ याद करते हैं।

यह फैसला न केवल उमेश राठिया के परिवार के लिए न्याय का प्रतीक है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि सजग और ईमानदार पुलिस प्रशासन के साथ अपराधी कितना भी चालाक क्यों न हो, उसे कानून के शिकंजे से बचना मुश्किल है। यह निर्णय क्षेत्र में अपराध के प्रति सख्त रुख और नशा-मुक्त समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।