चुनाव से पहले खुल सकती है ग्राम पंचायत सिहारधार सरपंच सचिव के भ्रष्टाचार की फाइल !!

अमरदीप चौहान/अमरखबर:लैलूंगा। ग्रामीणों की बुनियादी सुविधाओं का बंदर बांट करने वाले सचिव सरपंच पर चुनाव से पहले गिर सकती है गाज ,,,
युवाओं की पहल पर जनपद पंचायत से जिला पंचायत सहित जिला के कलेक्टर को शिकायत कर सूचना दिया गया था कि मूलभूत सुविधाओं को दरकिनार कर अपनी निजी संपत्ति इकट्ठा करने के लिए 15 वें वित्त जैसे सरकार से मिलने वाली अहम सुविधा की राशि को बंदर बांट कर सरपंच और सचिव अपनी निजी जिंदगी में मस्त हैं !!

गौरतलब है की ग्राम पंचायत सिहारधार के आश्रित मोहल्ला गम्हार में पीने के लिए एक दशक से लोग किल्लत काट रहे हैं वहां पीने के लिए ढोडी( कुआं) ही एक अहम व्यवस्था बनी है जो की उनके पुरखों ने बनाई है इन पांच साल में ना तो वहां पीने योग्य पानी का व्यवस्था बनाया गया और नहीं उन लोगों को किसी प्रकार की सुविधा दिया गया !!
ठीक उसी प्रकार गाइडवाल का मामले में वहां लगातार खबर प्रकाशन हुई सड़क की बात करें तो सड़क बदहाल ही पड़ी हुई है !!
विकास की अगर बात करें तो विकास के नाम पर सिर्फ उबड़ खाबड़ रोड ही नजर आएगी ग्रामीणों ने बताया कि आज से 3 – 4 साल पहले मनरेगा में काम किए हैं उसका भी भुगतान सही से नहीं हुआ है !!
गांव गली की सफाई की बात करें तो वहां सफाई नहीं हुई है !!
गांव के लोगों को यह कह कर चुप कर दिया जाता है कि आप लोगों के गांव में विकास की गंगा बहेगी लेकिन आखिर कब वह भगवान भरोसे है !!
वहाँ कागजों में नहानी घर का जिक्र भी होता है पर किसी भी प्रकार की नहाने का घर वहां देखने को नहीं मिलेगा !!
चाहे आप नाली निर्माण की बात करें तो वहां निर्माण नहीं हुआ है, किसी भी प्रकार की वहां कोई नाली निर्माण नहीं है युवाओं की शिक्षा रोजगार की बात करें तो शून्य पड़ी हुई है !!
विकास हुई है इसे नकारा नहीं जा सकता विकास सिर्फ दो लोगों की हुई है एक सरपंच और दूसरा सचिव ग्रामीणों को अंधकार में धकेल करके अपना स्वयं का विकास तो जबरदस्त किया गया है परंतु ग्रामीणो का किसी भी प्रकार का वहां विकास नहीं दिखता है,
दूसरी बात यह की चाहे समतली करण की बात करें या फिर डबरी निर्माण की बात करें तो वहां भी नजारा कुछ और ही है,,
शासन से मिलने वाली पीडीएस की चावल वितरण की यदि बात करें तो वहां ग्रामीणों ने बताया कि फिंगर प्रिंट सरपंच के द्वारा घर में लगवा लिया जाता है और नापतोल के नाम पर सरकारी काटा है घर में रखा है लेकिन पंचायत जाएंगे तो ठीक उसके विपरीत ठीक उसके उल्टा है उसका कांटा तो नहीं चेक होता है और ना ही उसका कोई मैनेजमेंट है !!
आखिर सवाल करे तो कौन करे, पहले ही एक खबर में प्रशासन हुआ था की 300 कार्ड में अगर दो-दो सौ ग्राम भी यदि चावल काटा जा रहा है तो 6 क्विंटल होता है आखिर प्रत्येक महिना का 6 कुंटल चावल जा कहाँ रहा है !!
कुआ निर्माण की यदि बात करें तो तीन चार परिवार ऐसे हैं जिनके स्वयं हितग्राही को पता नहीं है कि उनके नाम पर शासन द्वारा कुआ निर्माण के लिए उनके निजी खाते में राशि आया है या नहीं लेकिन सरपंच और सचिव की चालाकी से हितग्राहियों को बिना जानकारी दिए शासन से कुआं पास करा करके ले आते हैं और सरपंच अपनी परिचित लोगों के खाते में मास्टर रोल जनरेट करके पैसे का आहरण कर लेता है !!
मौके पर ना ही किसी प्रकार का कुआं मिलेगा और तालाब के नाम पर डबरी के नाम पर आपको सिर्फ एक सूखा गड्ढा नजर आएगा ,,
इससे पहले भी सरपंच और सचिव के लिए लंबे समय से जनपद में शिकायत चल रही है लेकिन आखिर कौन है सरपंच और सचिव के ऊपर मेहरबान कहीं ऐसा तो नहीं की सरपंच और सचिव को बचाने के लिए और भी बड़े अधिकारियों का हाथ हो या फिर उनके भ्रष्टाचार में वह भी संलिप्त हो ऐसा ग्रामीणों का कहना है ,,
ग्राम पंचायत सचिव गुलाब राठिया जो की ग्राम पंचायत में कभी भी किसी प्रकार की कोई उपस्थिति नहीं देती है,एक-दो दिन जरूर जाते हैं पंचायत में अपना चेहरा दिखाने के लिए और अपनी मीठी बातों से लोगों को यूं बांध लेते हैं कि मानो उनसे लोग बंधे रहते हैं छोटी बात हो या हो बड़ी बात दूर संचार के माध्यम से उन्हें फोन करने पर सचिव गुलाब राठिया द्वारा यह कह दिया जाता है कि आपको खर्चा वर्चा की आवश्यकता हो तो हमें बोल सकते हैं हम आपको खर्चा बर्चा हमेशा देते रहेंगे !!
सरपंच और सचिव को ग्राम पंचायत सिहारधार में कुबेर की खजाना का एक ऐसा भंडारण मिल गया है जो ग्राम पंचायत के लोगों का विकास न करके के वो स्वयं के विकास में लगे हुए हैं।।
लगातार भ्रष्टाचार के नाम पर ग्रामीण और युवाओं के द्वारा उठाई गई आवाज को लोगों के द्वारा सरपंच और सचिव को बचाने के नाम पर दबा दिया जाता है लेकिन आखिर कब तक लोग यूं ही चुपचाप हाथ में हाथ धरे बैठे रहें!!
आखिर कब होगी जांच ग्राम पंचायत सिहारधार आखिर कब तक अपनी दशा पर यूं ही आंसू बहता रहेगा,या फिर कब खुलेगी प्रशासन में बैठे बड़े-बड़े अधिकारियों की आंख !!

आपको बता दें की ग्राम पंचायत सिहारधार में गहरीकरण मामला हो, कुंआ निर्माण मामला हो, गाइड वाल मामला हो, पुल पुलिया मामला हो, जंगल नर्सरी मामला हो, या फिर निर्माण कार्य हो, या फिर सीसी रोड का मामला हो, सभी गुणवत्ता विहीन कार्य कर ग्रामीणों को आपस में उलझा करके सरपंच और सचिव दोनों ही भ्रष्टाचार को न केवल जन्म दिए बल्कि
भ्रष्टाचार को भारी फूलने फलने का एक अवसर सरपंच सचिव के द्वारा दिया गया !!