चक्रवात का खतरा बढ़ा! बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान, छत्तीसगढ़ समेत 10 राज्यों में भारी बारिश का रेड अलर्ट

🌪️एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम
28 अक्टूबर से बरसेगा आसमानी कहर — तेज हवाएं, बिजली कड़कने और भारी वर्षा की चेतावनी जारी
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना गहरा अवदाब अब चक्रवात का रूप लेने की ओर अग्रसर है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है कि यह प्रणाली 27 अक्टूबर तक गहरे अवदाब और 28 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान में बदल सकती है। इसके प्रभाव से देश के 10 राज्यों में तेज हवाओं के साथ भारी से अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना है।
☔ छत्तीसगढ़ में चार दिन तक बारिश का दौर
मौसम विभाग ने बताया कि 28 अक्टूबर से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, बस्तर, नारायणपुर और कांकेर जिलों में वर्षा गतिविधियां बढ़ेंगी।
28 अक्टूबर को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा,
29 अक्टूबर को भारी से अत्यधिक भारी वर्षा,
और 30 अक्टूबर को तेज हवाएं व बिजली गिरने की स्थिति बन सकती है।
विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने और मौसम अपडेट पर नजर रखने की सलाह दी है।
🌦️ मध्य और उत्तर भारत में भी बदलेगा मौसम
चक्रवात का असर मध्य और उत्तर भारत तक फैलने की संभावना है —
पश्चिम मध्य प्रदेश में 28 अक्टूबर तक,
पूर्वी मध्य प्रदेश में 29–30 अक्टूबर को,
विदर्भ में 28 से 30 अक्टूबर तक,
उत्तर प्रदेश में 28 से 31 अक्टूबर तक,
और पूर्वी राजस्थान में अगले पांच दिनों तक
गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना है।
⚠️ प्रशासन ने जारी की सावधानी सलाह
> “बिजली कड़कने या तेज हवा चलने की स्थिति में घरों से बाहर न निकलें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।”
📊 विश्लेषण : छत्तीसगढ़ में बारिश से राहत भी, नुकसान भी
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि यह चक्रवात अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर नवंबर के पहले सप्ताह तक सक्रिय रहेगा।
छत्तीसगढ़ में इससे धान कटाई के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
कई जिलों में किसानों ने पहले ही कटाई शुरू कर दी है — ऐसे में लगातार बारिश से खेतों में जलभराव और धान गिरने की संभावना है।
हालांकि, जिन क्षेत्रों में जलस्तर घटा हुआ था, वहां यह वर्षा रबी फसलों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है।
ऊर्जा उत्पादन क्षेत्र में भी इसका असर दिख सकता है — थर्मल पावर प्लांटों के आसपास जलभराव की स्थिति और कोयला परिवहन में दिक्कतें आने की आशंका है।
वहीं, शहरी इलाकों में जलभराव और ग्रामीण सड़कों पर आवागमन बाधित होने से जनजीवन पर अस्थायी असर पड़ सकता है।
मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि —
> “यह चक्रवात भले ही छत्तीसगढ़ के ऊपर से सीधे न गुजरे, पर इसका परोक्ष प्रभाव पूरे राज्य में देखा जाएगा।”