घरघोड़ा स्कूल में हिंदी माध्यम के छात्रों पर अन्याय, प्राचार्य की मनमानी उजागर!

गरीब छात्रों को टीसी थमाने का दबाव, पद की लालच में अधिकारियों को खुश करने में जुटे प्राचार्य
सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम घरघोड़ा के स्वामी आत्मानंद शासकीय विद्यालय में प्राचार्य की मनमानी से हिंदी माध्यम के छात्रों के साथ भेदभाव का गंभीर मामला सामने आया है। स्कूल को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तित करने के बाद, हिंदी माध्यम में पढ़ रहे पुराने छात्रों और नए दाखिला चाहने वालों को प्रवेश से वंचित किया जा रहा है। प्राचार्य अभिभावकों को अन्य स्कूलों में बच्चों को भेजने की सलाह दे रहे हैं, ताकि हिंदी माध्यम को पूरी तरह बंद किया जा सके।
प्राचार्य का ध्यान कुर्सी बचाने पर, बच्चों की समस्याएं अनदेखी
प्राचार्य, जो मूलतः व्याख्याता हैं, लंबे समय से प्रभारी प्राचार्य के पद पर बने हुए हैं। उन पर आरोप है कि वे अपनी पदस्थापना बनाए रखने के लिए अधिकारियों की चापलूसी में लगे हैं, जबकि स्कूल में अनुशासन, संसाधनों की कमी और छात्रों की समस्याओं की शिकायतें अनसुनी रहती हैं। प्राचार्य इन मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त हैं।
गरीब और कमजोर छात्रों को स्कूल से निकालने की साजिश
हिंदी माध्यम के अलावा, अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने वाले गरीब और कमजोर छात्रों को भी निशाना बनाया जा रहा है। अभिभावकों पर टीसी लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, ताकि स्कूल का परिणाम चमकदार दिखे। यह अन्याय हर साल दोहराया जा रहा है, जिससे अभिभावकों में गुस्सा बढ़ रहा है। वे प्राचार्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।