घरघोड़ा में “हरिजन” शब्द विवाद पर माफी के साथ हुआ समाधान, सतनामी समाज ने आपसी सम्मान से किया मामला खत्म

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम घरघोड़ा। एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान “हरिजन” शब्द के उपयोग से उपजे विवाद का आखिरकार आपसी सम्मान और सौहार्द के साथ शांतिपूर्ण समाधान हो गया है। इस मामले में सतनामी समाज के लोगों ने आपत्ति जताते हुए संबंधित व्यक्ति जगन्नाथ सिंह ठाकुर के खिलाफ थाने में शिकायत दी थी।सूत्रों के अनुसार, ठाकुर ने अपने बयान को लेकर बुधवार को थाने पहुंचकर समाज के समक्ष खेद प्रकट किया। उन्होंने कहा कि “हरिजन” शब्द अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा निषिद्ध कर दिया गया है, जिसकी जानकारी उन्हें पहले नहीं थी। उन्होंने कहा, “मेरे द्वारा यह शब्द अनजाने में बोला गया। किसी की भावना को आहत करने का मेरा उद्देश्य नहीं था। मैं सतनामी समाज से क्षमा मांगता हूं और अपने शब्द को वापस लेता हूं।”ठाकुर की इस स्पष्ट माफी के बाद सतनामी समाज के प्रतिनिधियों ने भी सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए मामले को समाप्त करने की बात कही।
समाजजनों ने कहा कि वे ऐसे प्रसंगों में आपसी संवाद और समझ के माध्यम से एकता बनाए रखना चाहते हैं। स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह घटना समाज में संवाद और संवेदनशीलता की ज़रूरत को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि भाषा और शब्दों के चयन में सावधानी बरतना अब जरूरी हो गया है, ताकि किसी समुदाय की अस्मिता या भावनाओं को ठेस न पहुंचे। घरघोड़ा क्षेत्र में यह मामला फिलहाल आपसी सहमति से सुलझा लिए जाने के कारण अब शांत हो गया है, और दोनों पक्षों ने भविष्य में सौहार्द और परस्पर सम्मान बनाए रखने का संकल्प व्यक्त किया है।