घरघोड़ा में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर विधिक जागरूकता शिविर: मानसिक स्वास्थ्य और कानूनी अधिकारों पर जोर

एडिटर जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़, 10 अक्टूबर 2025: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायगढ़ के तत्वाधान में घरघोड़ा में एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य आम लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मानसिक रोगियों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी प्रदान करना था। यह आयोजन अध्यक्ष/प्रधान जिला न्यायाधीश श्री जितेंद्र जैन और तालुका अध्यक्ष/विशेष न्यायाधीश (FTSC POCSO) श्री शहाबुद्दीन कुरैशी के मार्गदर्शन में तथा जिला अपर सत्र न्यायाधीश श्री अभिषेक शर्मा के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
शिविर का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायगढ़ की सचिव के निर्देशानुसार थाना पूंजीपथरा, तमनार और घरघोड़ा के पैरालीगल वॉलंटियर्स बालकृष्ण, टीकम सिदार और लवकुमार चौहान द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व, इससे जुड़े कानूनी प्रावधानों और सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सहायता सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।
मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के प्रावधानों पर प्रकाश
शिविर में विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के तहत मानसिक रोगियों को प्राप्त अधिकारों पर चर्चा की गई। उपस्थित विशेषज्ञों ने बताया कि इस अधिनियम के तहत मानसिक रोगियों को मुफ्त कानूनी सहायता, उपचार का अधिकार और शिकायत दर्ज करने का अधिकार प्राप्त है। यह अधिनियम मानसिक स्वास्थ्य को एक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता देता है और समाज में मानसिक रोगियों के प्रति भेदभाव को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाता है।

इसके अलावा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1-800-891-4416 के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता प्राप्त कर सकता है। इन हेल्पलाइन नंबरों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया गया ताकि जरूरतमंद लोग समय पर सहायता प्राप्त कर सकें।
नालसा योजनाओं और साइबर जागरूकता पर बल
शिविर में *नालसा योजना 2015: मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं पर विस्तार से चर्चा की गई। इस योजना के तहत मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों को निशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, नालसा आशा योजना (जागरूकता, समर्थन, सहायता और कार्यवाही) के तहत बाल विवाह उन्मूलन, निशुल्क कानूनी सहायता, भरण-पोषण, पोक्सो अधिनियम, पीसी एवं पीएनडीटी अधिनियम, और एनडीपीएस अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानूनी विषयों पर भी प्रकाश डाला गया।
रायगढ़ पुलिस द्वारा संचालित साइबर जनजागरूकता अभियान 2025 के तहत लोगों को साइबर अपराधों से बचाव के उपाय बताए गए। इस दौरान पर्चे वितरित किए गए, जिनमें साइबर धोखाधड़ी, ऑनलाइन ठगी और डिजिटल सुरक्षा से संबंधित जानकारी शामिल थी। यह पहल डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति लोगों को सतर्क करने के लिए महत्वपूर्ण रही।

नालसा हेल्पलाइन और राष्ट्रीय लोक अदालत का प्रचार
शिविर में नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 की जानकारी दी गई, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है। साथ ही, आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत (13 नवंबर 2025) के बारे में भी प्रचार-प्रसार किया गया। इस लोक अदालत के माध्यम से लंबित मामलों का त्वरित और सौहार्दपूर्ण निपटारा करने की जानकारी दी गई, जिससे लोग अपने विवादों को बिना लंबी कानूनी प्रक्रिया के हल कर सकें।
सामाजिक बदलाव की दिशा में एक कदम
यह शिविर न केवल मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने में सफल रहा, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में शिक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्थानीय लोगों ने इस आयोजन की सराहना की और इसे सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। पैरालीगल वॉलंटियर्स ने ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के शिविरों की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि समाज का हर वर्ग अपने अधिकारों और सुविधाओं से अवगत हो सके।
घरघोड़ा में आयोजित यह विधिक जागरूकता शिविर मानसिक स्वास्थ्य और कानूनी अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में एक मील का पत्थर साबित हुआ। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायगढ़ के इस प्रयास ने न केवल लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी दी, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता और स्वीकृति को बढ़ावा देने में भी योगदान दिया। ऐसे आयोजनों से निश्चित रूप से समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।