घरघोड़ा में “पोस्टर पॉलिटिक्स” का तमाशा: निष्कासित BJP नेता ने फिर दिखाई हिम्मत, या कहें हठ?

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम रायगढ़। घरघोड़ा में सियासी ड्रामा अपने चरम पर है। BJP से छह साल के लिए निष्कासित पार्षद श्याम भोजवानी ने ऐसा दांव चला है कि पूरा नगर हक्का-बक्का है। पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद भी भोजवानी ने न सिर्फ अपनी “हौसले की उड़ान” दिखाई, बल्कि BJP के दिग्गज नेताओं की तस्वीरों के साथ अपना चमचमाता होर्डिंग शहर के चौराहों पर ठोक दिया। अब सवाल यह है कि यह हिम्मत है, हठ है, या फिर कोई “बड़ा बैकडोर समर्थन” का खेल?
पोस्टर में “फोटो की सियासत”
भोजवानी, जिन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए BJP ने दूसरी बार दरवाजा दिखाया, ने हार मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने न सिर्फ अपनी तस्वीर को विशाल फ्लेक्स में जगह दी, बल्कि BJP के बड़े नेताओं की तस्वीरों को भी उसमें सजा दिया, मानो कह रहे हों, “निष्कासन तो ठीक, लेकिन प्यार अभी बाकी है!” यह होर्डिंग अब नगर की गलियों में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। कोई इसे “सियासी बेशर्मी” बता रहा है, तो कोई “अंदरूनी सेटिंग” का इशारा देख रहा है।
स्थानीय लोग कानाफूसी कर रहे हैं कि भोजवानी का यह कदम BJP की अंदरूनी फूट को उजागर करता है। कुछ का कहना है कि यह निजी स्वार्थ के लिए नेताओं की तस्वीरों का इस्तेमाल है, तो कुछ इसे “बड़े नेताओं की शह” का नतीजा मान रहे हैं। एक स्थानीय चाय वाले ने तो हंसते हुए कहा, “भाई, निष्कासन का मतलब तो बाहर निकलना है, लेकिन ये तो पार्टी के झंडे के नीचे ही डेरा डाले बैठे हैं!”
BJP मंडल अध्यक्ष डॉ. राजेश पटेल ने इस मामले पर तुरंत “कड़ा रुख” अख्तियार किया। उन्होंने कहा, “भोजवानी को लीगल नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा और तत्काल फ्लेक्स से नेताओं की तस्वीरें हटाने को कहा जाएगा।” लेकिन नगर के सियासी पंडितों का कहना है कि यह नोटिस सिर्फ खानापूरी है। एक कार्यकर्ता ने तंज कसते हुए कहा, “नोटिस तो भेज देंगे, लेकिन क्या फ्लेक्स उतरेगा? या फिर ये सिर्फ दिखावे का तमाशा है?”
घरघोड़ा में पहले से ही नगर पंचायत चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। ऐसे में भोजवानी का यह “पोस्टर प्रहार” BJP के लिए मुसीबत बन सकता है। पार्टी की एकता पर सवाल उठ रहे हैं, और विपक्ष को बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। एक स्थानीय निवासी ने चुटकी लेते हुए कहा, “BJP में निष्कासन का मतलब शायद सिर्फ कागजी है, क्योंकि भोजवानी तो अभी भी ‘दिल से BJP’ लग रहे हैं!”
क्या भोजवानी का यह कदम BJP के लिए सिरदर्द बनेगा, या फिर यह सिर्फ एक और सियासी तमाशा बनकर रह जाएगा? क्या पार्टी वाकई नोटिस भेजकर फ्लेक्स हटवाएगी, या यह सब सिर्फ “चुनावी चमक-दमक” का हिस्सा है? घरघोड़ा की जनता तो बस पॉपकॉर्न लेकर इस ड्रामे का अगला सीन देखने को तैयार है।