घरघोड़ा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर न्यायालय प्रांगण में हुआ विशेष योग शिविर का आयोजन

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश जितेंद्र जैन जी के मार्गदर्शन में 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विशेष योग शिविर व योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन न्यायालय प्रांगण घरघोड़ा में जिला अपर सत्र न्यायालय घरघोड़ा एवं तालुका विधिक सेवा समिति घरघोड़ा के द्वारा किया गया।

उक्त शिविर का आयोजन तालुका विधिक सेवा समिति घरघोड़ा अध्यक्ष न्यायाधीश शहाबुद्दीन कुरैशी एफ.टी.एस.सी.(पाक्सो) एवं अभिषेक शर्मा जिला अपर सत्र न्यायाधीश घरघोड़ा के नेतृत्व में हुआ जिसमें व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी दामोदर प्रसाद चंद्रा एवं प्रीति झा व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ श्रेणी, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष, अधिवक्तागण, न्यायालय कर्मचारीगण एवं तालुका घरघोड़ा के सभी पैरालिगल वैलेंटियर उपस्थित रहे।

न्यायाधीश शहाबुद्दीन कुरैशी जी ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा इस अवसर पर आयोजित किए गए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य है कि योग कैसे शारीरिक और मानसिक रोगों को ठीक कर सकता है,

इस बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, योग अभ्यास के माध्यम से बेहतर मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देना, बच्चों पर योग के सकारात्मक प्रभाव आपके मस्तिष्क के कार्यों, स्मृति और एकाग्रता में सुधार करता है, आपको लचीलापन हासिल करने में मदद करता है और आपकी मुद्रा में सुधार करता है, रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है जो आपके दिमाग और शरीर के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक है। न्यायाधीश अभिषेक शर्मा जी ने अपने उद्बोधन में कहा हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पूरी दुनिया में योग के महत्व और उसके लाभों को समझाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। योग हर आयु वर्ग के लिए बेहद महत्वपूर्ण अभ्यास है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखने में मदद करता है।

विश्व योग दिवस 2025 के आयोजन इस बात पर केंद्रित हैं कि कैसे योग व्यक्तिगत स्वास्थ्य के साथ-साथ पृथ्वी के स्वास्थ्य को संतुलित करने में एकता का संदेश देता है।

न्यायाधीश दामोदर चंद्रा जी ने कहा कि योग शरीर और मन को स्वस्थ रखने का माध्यम है।योग से तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है।यह दिन हमें नियमित योग करने की प्रेरणा देता है।
न्यायाधीश प्रीति झा जी ने अपने विचार रखे और बताए कि योग करने से शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास होता है।हमें रोज़ाना योग करना चाहिए ताकि हम स्वस्थ और खुशहाल रह सकें।