घरघोड़ा के नन्हें सितारों ने जिला कला उत्सव में बिखेरी प्रतिभा की चमक, हर विधा में छाया हुनर

सम्पादक जर्नलिस्ट अमरदीप चौहान/अमरखबर.कॉम घरघोड़ा, 30 अगस्त 2025: जिला स्तरीय कला उत्सव व वाद-विवाद प्रतियोगिता में घरघोड़ा ब्लॉक के बच्चों ने अपनी असाधारण प्रतिभा का ऐसा जलवा बिखेरा कि पूरे क्षेत्र का सिर गर्व से ऊँचा हो गया। रंगोली, नृत्य, मूर्तिकला और वादन जैसी विविध विधाओं में इन नन्हें कलाकारों ने अपनी कला का लोहा मनवाया, यह सिद्ध करते हुए कि ग्रामीण प्रतिभाएँ किसी भी मायने में कमतर नहीं हैं। अनुविभागीय अधिकारी, घरघोड़ा के मार्गदर्शन और विकासखंड शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार सिंह, बीआरसी मनोज कुमार प्रधान व बीपीओ आशीष शर्मा की अगुवाई में आयोजित इस समारोह ने बच्चों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने का शानदार मंच प्रदान किया।
प्रतियोगिता में घरघोड़ा के बच्चों ने हर मंच पर अपनी छाप छोड़ी। रंगोली में कन्या शाला घरघोड़ा की प्राची बिशी और प्रिया चौहान की जोड़ी ने प्रथम स्थान हासिल कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। त्रिआयामी मूर्तिकला में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नवापारा टेंडा के लव कुमार बेहरा ने दूसरा स्थान पाकर अपनी कला का परिचय दिया। समूह नृत्य में बहिरकेला हाई स्कूल की मंदाकिनी राठिया और उनकी टीम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया, जबकि एकल नृत्य में पीएम श्री विद्यालय सेजेस की दीपांजलि राठिया ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से तीसरा स्थान हासिल किया। वादन प्रतियोगिता में भी पीएम श्री विद्यालय सेजेस ने तृतीय स्थान प्राप्त कर ब्लॉक का नाम रौशन किया।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार सिंह ने बच्चों की उपलब्धियों पर गर्व जताते हुए कहा, “ये नन्हें सितारे हमारा भविष्य हैं। उनकी कला और प्रतिभा को निखारने के लिए ऐसे आयोजन अहम हैं, जो न केवल आत्मविश्वास बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें बड़े मंचों पर चमकने की प्रेरणा भी देते हैं।” उन्होंने भविष्य में भी ऐसे अवसर प्रदान करने का वादा किया, ताकि ग्रामीण बच्चों की रचनात्मकता को और प्रोत्साहन मिले।
इस आयोजन की सफलता में ब्लॉक नोडल प्रकाश कुमार पंडा, सहायक लता जायसवाल और विभिन्न स्कूलों के प्रभारियों की मेहनत शामिल रही। पंडा ने बताया कि बच्चों का उत्साह और समर्पण भविष्य में और बड़ी उपलब्धियों का संकेत है।
घरघोड़ा ब्लॉक के इन होनहार बच्चों ने अपनी कला और मेहनत से न केवल जिला स्तर पर अपनी धाक जमाई, बल्कि यह भी दिखा दिया कि सही मार्गदर्शन और अवसर मिले तो ग्रामीण भारत के बच्चे भी देश का नाम रोशन करने की कूवत रखते हैं। यह उपलब्धि निस्संदेह पूरे क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण है।