घरघोड़ा केंद्रीय रोंपड़ी में 3 हाथियों की मौत मामले में अधिकारीयों को बचा कर कर्मचारियों पर गाज गिराते पीठ थपथपा रहे अधिकारी!!

तीन हाथियों की मौत का बड़ा मामला
घरघोड़ा केंद्रीय रोंपड़ी परिसर की घटना
डिप्टी रेंजर अजय खेत हुए निलंबित
अमरदीप चौहान/अमरखबर:रायगढ़। वन विभाग रायगढ़ में अंधेरगर्दी चरम सीमा पर है। घरघोड़ा वन परीक्षेत्र अंतर्गत चूहाकीमार नर्सरी में तीन हाथियों की दर्दनाक मौत के बाद वन विभाग ने अपने घरघोड़ा के नर्सरी में कार्यरत कर्मचारी पर कार्यवाही न करते हुए तमनार वन क्षेत्र के बीट गार्ड और डिप्टी रेंजर अजय खेत को सस्पेंड किया गया है। वन विभाग के अधिकारी पूरे मामले में बिजली कंपनी पर दोषारोपण कर रहे हैं जबकि सच्चाई यह है की वन अधिकारी जंगल का दौरा करते ही नहीं! यदि जंगल का दौरा करते तो वे बिजली तार के नजदीक झूलने की रिपोर्ट आला अधिकारियों को पेश करते। क्योंकि इस क्षेत्र में लंबे समय से हाथियों का आवागमन जारी है ऐसे में लापरवाही केवल विद्युत विभाग की न होकर वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की भी है। लेकिन यहां वन विभाग के अधिकारियों ने अपने एकमात्र छोटे से बीट गार्ड को बलि का बकरा बना कर, सस्पेंड करते हुए घरघोड़ा रेंजर को बचाने का प्रयास किया है। जबकि इस गंभीर मामले में डीएफओ और सीसीएफ पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। सीसीएफ बिलासपुर ने इस मामले में पूरा दोष बिजली कंपनी पर मढ दिया है। हालांकि बिजली विभाग ने उसे क्षेत्र के सब इंजीनियर को वहां से हटा दिया है। बताया जा रहा है अब वन विभाग के अधिकारी बिजली कंपनी के सब इंजीनियर के पीछे पड़ गए हैं। उसे बयान के लिए लगातार बुलाया जा रहा है। जानकारी तो यह भी सामने आ रही है कि बिजली कंपनी के सब इंजीनियर पर वन अधिनियम के तहत कार्रवाई करके उस पर एफआईआर दर्ज कराने की कोशिश हो रही है जबकि इस हादसे के लिए पूर्णतया रेंजर पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। यह अंधेरगर्दी पहली बार नहीं है इसके पहले भी धरमजयगढ़ क्षेत्र में हाई टेंशन तार की चपेट में आने से एक हाथी की मौत हुई थी, उस समय भी वन विभाग के आला अधिकारियों ने अपने विभागीय अधिकारी/कर्मचारी पर कार्रवाई न कर बिजली विभाग के एक इंजीनियर पर एफआईआर दर्ज करवाया था। अब देखना होगा कि सरकार तीन हाथियों की मौत के बड़े मामले में किस तरह की बड़ी कार्रवाई करती है या फिर वन विभाग के निष्क्रिय अधिकारियों की रिपोर्ट को ही सही मान लेती है।
कही न कही पुरे मामला में घरघोड़ा वन नर्सरी प्रभारी व बीट गार्ड/रेंजर की भूमिका पर भी सवाल उठते नजर आ रहे हैं अमलीडीह के ग्रामीणों के बताएं अनुसार चुह्कीमार स्थित वन विभाग के नर्सरी प्रभारी और बीट गार्ड क्षेत्र का भ्रमण करने कभी नहीं आते हैं, तार के निचे होने की जानकारी नहीं होने के कारण घटना होने का आरोप लगा रहे है।